सत्ता से उतरने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर लगातार कोई ना कोई आरोप लग ही रहा है। पनामा मामले में डॉ. रमन और उनके बेटे की गर्दन अब भी फंसी हुई है, इसके बाद आर्थिक अनियमितता और फिर विधानसभा चुनाव में गलत शपथ पत्र दाखिल करने का आरोप अब भी उनकी गर्दन पर तलवार बनकर लटक रहा है। इस बीच अब जासूसी करवाने का एक नया मामला भी उनसे जुड़ गया है।
देश में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी करवाने का मामला बेहद चर्चा में है। अब इस चर्चा में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का नाम भी जुड़ चुका है। कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक ट्वीट के जरिए इस मामले में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने दावा किया है कि साल 2017 में जब भाजपा की सरकार थी तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के कुछ नामी लोगों की जासूसी का प्रयास किया था। इसके लिए उन्होंने इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की सेवाएं लेने की कोशिश भी की थी।
क्या आप जानते हैं सन 2017 में रमन सिंह सरकार ने इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की सेवाएं लेने का प्रयास किया था! @BJP4CGState @INCChhattisgarh @IBC24News @ZeeMPCG @News18MP @lalluram_news @inhnewsindia @DainikBhaskar @newpowergame
— R. P. Singh (@rpsinghraipur) July 19, 2021
क्या है पेगासस फोन हैकिंग विवाद?
संसद में मानसूत्र के ऐन पहले रविवार को एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई। यह रिपोर्ट दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों के कंसोर्टियम ने जारी की। इसने देश की सियासत गरमा दी। इसमें कहा गया कि इजरायल के पेगासस स्पाईवेयर की मदद से भारत में कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों का फोन हैक किया गया है। रिपोर्ट में 150 से ज्यादा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है। वहीं, भारत में कम से कम 38 लोगों की निगरानी की बात कही गई। हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। साथ ही यह भी कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां प्राइवेसी मौलिक अधिकार है।
अखबार पढ़कर मुद्दा बनाने वाले लोग
मंगलवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में डॉ रमन सिंह भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। पत्रकारों ने कांग्रेस प्रवक्ता के आरोप पर सवाल किया तो बोले- चार साल बाद क्या कांग्रेसियों को सपना आ रहा है कि उनकी जासूसी हुई थी या फोन टेप हुआ था, कांग्रेस के नेता सुबह अखबार पढ़कर मुद्दा बनाने वाले लोग हैं। इनको सोनिया गांधी की तरफ से जो निर्देश आता है, उस आधार पर मुद्दा बनाते हैं। 4 साल पहले कहां थे भाई, दिल्ली से जो निर्देश मिलता है उसे फॉलो करो बस यही इनका काम है।