रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जिला अस्पताल में 7 बच्चों की मौत का मामला अभी भी ठंडा नहीं पड़ा है। हल्ला इस बात का मचा है कि बीती रात एक के बाद सात नवजातों ने दम तोड़ दिया, वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि केवल दो बच्चों की मौत हुई है।
इस मामले को लेकर आज जब जिला अस्पताल पहुंचकर हकीकत की पड़ताल की गई, तो जिला अस्पताल में नर्सरी इंचार्ज डॉ. ओंकार खंडेलवाल से बात हुई। डॉ. खंडेलवाल का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस वक्त मामले को हवा दी जा रही थी 15 से ज्यादा बच्चे वेंटिलेटर पर थे। यदि ऑक्सीजन की कमी होती, तो सभी की मौत हो सकती थी।
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डॉ. खंडेलवाल का कहना है कि बड़ी संख्या में बच्चों का उपचार यहां पर हो रहा है, संवेदनशील मामले भी रेफर होकर आते हैं और अस्पताल अपनी जिम्मेदारी में उनका उपचार भी करता है, लेकिन रोजाना एक से दो बच्चों की मौत होती ही है। उन्होंने इसे रूटीन का हिस्सा बताया।
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वजह पूछे जाने पर डॉ. खंडेलवाल का कहना है कि किस बच्चे को किन परिस्थितियों में दाखिल किया गया है, इस पर निर्भर करता है, लेकिन उसे बचाने की पूरी कोशिश की जाती है, पर कई मामलों में डॉक्टरों की कोशिशें सफल नहीं हो पाती हैं। बताया कि अस्पताल में 37 बच्चों का उपचार जारी है, जिसमें से 23 की हालत नाजुक है।