रायपुर। राजधानी के पंडरी स्थित जिला अस्पताल में मंगलवार की रात करीब 8:00 बजे दो दिन के नवजात शिशु की मौत होने के बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा मचाया। स्वजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया। पंडरी पुलिस ने स्वजनों को समझाया और मामला शांत कराया। 3 दिन पहले माना निवासी जानकी सिन्हा को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को पीड़िता ने बच्चे को जन्म दिया था।
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चिकित्सकों का कहना है कि बच्चा प्रीमेच्योर था और इसकी जानकारी स्वजनों को पहले ही दी गई थी। वही मंगलवार को ही दोपहर एक और प्रीमेच्योर बच्चे की मौत हुई थी। सप्ताह में यह इस तरह प्रीमेच्योर जन्मे चौथी बच्चे की मौत बताई जा रही है।
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जानकारी के मुताबिक पंडरी का यह अस्पताल राजधानी के सबसे बड़े भीमराव आंबेडकर अस्पताल द्वारा संचालित है। जिला अस्पताल पंडरी के शिशुरोग विभाग में रात करीब आठ बजे दो दिन पहले जन्मे प्रीमेच्योर बच्चे की मौत हो गई। स्वजनों को जानकारी लगने के बाद देर रात जमकर हंगामा किए। इधर अंबेडकर अस्पताल में शिशुरोग वार्ड के इंचार्ज डाक्टर ओंकार खंडवाल को जिला अस्पताल के डाक्टरों द्वारा फोन करने पर फोन बंद मिला। यानी जिला अस्पताल और आंबेडकर अस्पताल के बीच समन्वय और तालमेल का अभाव दिखा ।
हालांकि मामले की जानकारी लगने के बाद सिविल सर्जन डा. पीके गुप्ता मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। देर रात तक व्यवस्था को देखते रहे। नईदुनिया ने भी डा. ओंकार को फोन लगाया तो उनका नंबर बंद मिला। बताया जाता है कि आंबेडकर अस्पताल के कोई वरिष्ठ चिकित्सक ड्यूटी पर नही थे हालांकि चिकित्सकों का दावा है की बच्चा प्री मेच्योर था। इधर, एक प्री मेच्योर बच्चे की मौत दोपहर में हुई थी। चिकित्सकों ने बताया जन्म के बाद दोनों की स्थिति खराब थी। एक सप्ताह में इस तरह की यह चौथी मौत बताई जा रही है।