AIIMS रायपुर प्रबंधन के तानाशाही रवैए के ख़िलाफ़ फ़ार्मासिस्टों का मानव श्रृंखला बनाकर मौन प्रदर्शन। इंडीयन फ़ार्मासिस्ट एसोसिएशन (IPA) का आरोप है कि विगत कई वर्षों से रायपुर AIIMS में फ़ार्मासिस्ट की नियमित भर्ती करने, ड्रग इन्फ़र्मेशन सेंटर ( DIC ) शुरू करने एवं DIC में फ़ार्मासिस्ट नियुक्त करने के साथ ही फ़ार्मेकोविजिलेंस विभाग शुरू करने, AIIMS परिसर में जन औषधि दवा दुकान खोलने आदि की माँग की जा रही है, लेकिन AIIMS रायपुर प्रबंधन एक भी माँग पूरी नहीं करता है ।
पिछले दिनों प्रबंधन से उक्त विषयों को लेकर पैनल मीटिंग हुई थी लेकिन भर्तियाँ करने के बजाय उल्टा संविदा फ़ार्मासिस्ट सुश्री वंदना देवांगन को बिना कोई कारण नौकरी से निकाल दिया गया। इसका कारण उप निदेशक से जानना चाहा तब उनके द्वारा निकाले गए कर्मचारी फ़ार्मासिस्ट वंदना देवांगन को IPA से त्यागपत्र देने, IPA के द्वारा माफ़ीनामा पत्र लिखने पर दोबारा नौकरी पर रखने की बात कही गई।
AIIMS रायपुर 2012 से स्थापित है नौ साल हो चुके लेकिन आज तक स्वीकृत 40 फ़ार्मासिस्ट सँवर्ग के एक भी पद पर भर्ती नहीं हुई है बल्कि 32 सूपरस्पेसीलीटी वाले अस्पताल में दवा प्रबंधन वार्ड ब्वाय और नर्स कर रहे हैं । भारत सरकार के क़ानून फ़ार्मेसी ऐक्ट 1948 नियम 42 के मुताबिक़ ग़ैरपंजीकृत फ़ार्मासिस्ट द्वारा दवा डिस्पेन्स करने पर छः माह कारावास एवं एक हज़ार जुर्माने का प्रावधान है ।
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IPA ने चेतावनी दी है माँगो का जल्द निराकरण नहीं होने पर देशभर में प्रदर्शन होंगे और दवा व्यवस्था को पूर्णरूपेण बाधित भी किया जाएगा ।