ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि कैंडी और आइसक्रीम की प्लास्टिक से बनीं स्टिक का उपयोग एक जनवरी, 2022 से चरणबद्ध तरीके से बंद हो सकता है। एक बार इस्तेमाल योग्य प्लास्टिक का उपयोग चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के सवाल पर जवाब देते हुए पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि इस साल की शुरुआत में जारी मसौदा अधिसूचना के अनुसार एकल उपयोग वाली प्लास्टिक के कुछ चिह्नित पदार्थों का उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग एक जनवरी, 2022 से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
एक जनवरी से इन वस्तुओं का उपयोग पर रोक
एक जनवरी से जिन वस्तुओं का उपयोग समाप्त किया जा सकता है, उनमें ईयरबड की प्लास्टिक कैंडी और आइसक्रीम और कैंडी की स्टिक, प्लास्टिक के झंडे आदि हैं. वहीं 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक से बने प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, कंटेनर और कंटेनरों के ढक्कन, ट्रे आदि का उपयोग अगले साल जुलाई से बंद किया जा सकता है।
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वैश्विक विमानन से निकली कार्बन डाईऑक्साइड ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का सिर्फ दो फीसदी
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक विमानन क्षेत्र से निकलने वाली कॉर्बन डाईऑक्साइड ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की करीब दो फीसदी है तथा विकसित देशों की ओर से अतीत में किए गए उत्सर्जन के कारण जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां पैदा हुईं. पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह टिप्पणी की।
जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए है जरुरी
उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन रूपरेखा संधि (यूएनएफसीसी) के अनुसार, वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी कई मानवीय गतिविधियों का परिणाम है, जिनमें विमानन भी शामिल है। बहरहाल, वैश्विक विमानन गतिविधि से निकलने वाली कार्बन डाईऑक्साइड कुल ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का करीब दो फीसदी है। ’’ मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित प्रयासों की जरूरत है।