कोरोना संक्रमण काल की आफत से देश मुक्त नहीं हुआ है, इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता। दो लहरों ने जिस तरीके तबाही मचाई है, उसे किसी गवाह अथवा साक्ष्य की आवश्यकता नहीं है। इस कोरोना के हमले की वजह से देश में बीते डेढ़ साल से स्कूलों में ताले पडे़ हुए हैं, जिसे 2 अगस्त से खोलने की कवायद शुरू हो चुकी है। ज्यादातर राज्यों में फैसला भी ले लिया है, लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद को इस बात के लिए मना नहीं पा रहे हैं।
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जयपुर। कोरोना की दूसरी लहर की विदाई के बाद परिस्थितियों में सुधार तो आया है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका अब भी खौफजदा कर रही है। देश के कई राज्यों की सरकारों ने स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है। हालांकि हर राज्य के अपने मापदंड हैं। इसमें राजस्थान की गहलोत सरकार भी है। गहलोत सरकार ने 2 अगस्त से स्कूलों को खोलने का निर्णय तो ले लिया था, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ही इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
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सीएम गहलोत तीसरी लहर और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, जिसके चलते उन्होंने सहमति से इंकार करते हुए अब पांच मंत्रियों की एक समिति का गठन किया है, जो हालात की समीक्षा के उपरांत इस बात का निर्णय लेंगे कि क्या 2 अगस्त से राज्य के स्कूलों को खोल दिया जाए।
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राजस्थान सरकार ने कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया था, पर अब सरकार इस फैसले से पलट गई है। समिति का गठन हो चुका है, जो समीक्षा के उपरांत निर्णय लेगी कि सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोला जाएगा या फिर छोटे बच्चों के स्कूलों को बंद रखते हुए बड़ी क्लासेस ही चलाई जाएंगी।