देश के कई हिस्सों में भारी बारिश से तबाही का मंजर नजर आ रहा है। महाराष्ट्र में सतारा और रायगढ़ जिलों में 36 और शव मिलने के बाद बाढ़ और भूस्खलन समेत वर्षा जनित हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 149 हो गई है जबकि 64 लोग अभी भी लापता बताए जाते हैं। यही नहीं इन घटनाओं में अब तक 50 लोग घायल भी हुए हैं। वहीं उत्तरी कर्नाटक में बीते दो हफ्ते से हो रही भारी बारिश के कारण हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। आधिकारिक बयान के मुताबिक राज्य के निचले इलाकों से अब तक कम से कम 31,360 लोगों को निकाला गया है।
महाराष्ट्र के 875 गांव प्रभावित
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक कोंकण क्षेत्र और पश्चिमी महाराष्ट्र के प्रभावित जिलों से कुल 2,29,074 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। महाराष्ट्र के सतारा जिले में 28, रायगढ़ जिले में आठ और लोगों की मौत की खबर है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब तक रायगढ़ में 60, रत्नागिरी में 21, सतारा में 41, ठाणे में 12, कोल्हापुर में सात, उपनगरीय मुंबई में चार और सिंधुदुर्ग और पुणे में दो-दो लोगों की मौत हुई है। यही नहीं राज्य के कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे के कुल 875 गांव भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं।
चिपलूण में राहत और बचाव कार्य जारी
रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित चिपलूण शहर में एनडीआरएफ की 25 टीमें, एसडीआरएफ की चार टीमें, तटरक्षक बल की दो टीमें, नौसेना की पांच टीमें और सेना की तीन टीमें राहत और बचाव के काम में जुटी हुई हैं। चिपलूण को मुंबई से जोड़ने वाली वशिष्ठी नदी पर बना पुल ध्वस्त हो जाने के चलते सड़क यातायात बंद है। महाराष्ट्र सरकार ने रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में से प्रत्येक को दो-दो करोड़ रुपये की आपातकालीन आर्थिक सहायता प्रदान की है। सतारा, सांगली, पुणे, कोल्हापुर, ठाणे और सिंधुदुर्ग को 50-50 लाख रुपये की वित्तीय मदद दी गई है।
कर्नाटक में नौ की मौत, तीन लापता
वहीं उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र में बीते दो हफ्ते से हो रही भारी बारिश के कारण हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर. अशोक ने रविवार को बताया कि निचले इलाकों से कम से कम 31,360 लोगों को निकाला गया है। बीते 72 घंटों में वर्षा जनित हादसों में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य लापता हैं। भारी बारिश और बाढ़ से 3,502 से अधिक बिजली के खंभे उखड़ गए हैं जिससे कई गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई है। यही नहीं लगभग 59,000 हेक्टेयर में कृषि फसलें और लगभग 2,000 हेक्टेयर बागवानी फसलें डूब गई हैं।
हिमाचल में दरका पहाड़, नौ की गई जान
वहीं हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण घूमने आए नौ पर्यटकों की मौत हो गई और दो अन्य लोग घायल हो गए। बताया जाता है कि छितकुल-सांगला मार्ग पर बटसेरी में चट्टानों की चपेट में हरियाणा नंबर HR 55 AG 9003 की ट्रैवलर आई। हादसे में एक पुल भी टूट गया। हादसे के शिकार पर्यटक महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिमी दिल्ली के बताए जाते हैं। हादसा रविवार दोपहर डेढ़ बजे के आसपास हुआ।
मध्य प्रदेश में बाढ़ का खतरा बढ़ा
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की नटेरन और शमशाबाद तहसील में रविवार को भारी बारिश के बाद कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नटेरन में संजय सागर परियोजना की नहर चार जगह टूट गई है जिससे करीब एक दर्जन गांवों में पानी भर गया है। राजगढ़ जिले के बोडा थाने में उतावली नदी कापानी घुस गया है। भारी बारिश के चलते मोहनपुरा बांध के 17 में से आठ गेट खोले दिए गए हैं। तवा बांध में तेजी से जलस्तर बढ़ता जा रहा है। वहीं बैतूल जिले में सतपुड़ा बांध के सात गेट दो-दो फीट खोलकर 13 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
देश भर में 150 टीमें तैनात
केरल के विभिन्न इलाकों में भी भारी बारिश से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनडीआरएफ की लगभग 150 टीमें देश भर में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। अकेले महाराष्ट्र में 34 टीमों को तैनात किया गया है। सात टीमों को कर्नाटक के विभिन्न इलाकों में तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारी बारिश जारी रहने के चलते उन्हों राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें पेश आ रही हैं।