रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और बृहस्पति सिंह विवाद की भेंट चढ़ गया। हंगामे के बीच पांच मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित की गई थी, लेकिन जैसे ही सदन की कार्रवाई शुरु हुई, विपक्ष ने फिर इसी मामले पर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने इस मामले को लेकर सदन में स्वास्थ्य मंत्री और विधायक बृहस्पति सिंह से अपनी बात रखने की मांग की और सुरक्षा पर सवाल उठाया। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है और उसे निभाया भी जाएगा।
सिंहदेव-बृहस्पति से बात रखने की मांग
सदन की कार्रवाई पुनः शुरू होते ही विपक्षी दल भाजपा के सभी सदस्यों ने एक बार फिर हंगामे के साथ आगाज किया। विपक्षी दल के सदस्यों ने आसंदी से मांग रखी कि स्वास्थ्य मंत्री और विधायक बृहस्पति सिंह को सदन के भीतर अपनी बात रखने का अवसर दिया जाए। लेकिन दोनों ही अपनी बात रखने के लिए तैयार नहीं हुए।
मुख्यमंत्री को करना पड़ा हस्तक्षेप
इस मामले में विपक्ष के हंगामे को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हस्तक्षेप करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश के सभी विधायकों की सुरक्षा का जिम्मा सरकार का है। सरकार सभी सदस्यों की सुरक्षा का ध्यान रख रही है। जो चूक हुई है, उस पर समीक्षा की जाएगी और पुख्ता व्यवस्था भी की जाएगी।
गृहमंत्री भी नहीं रख पाए बात
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी बात कहने के बाद गृहमंत्री को सदन में जवाब देने की बात कही। आसंदी से अनुमति मिलते ही जैसे ही गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू अपनी जगह पर खड़े हुए, विपक्ष के सदस्यों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया और उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया।