छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के 15 गांव पहली बार नक्सलवाद से आजादी पाएंगे। इसकी घोषणा भी स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को की जाएगी। देश में ऐसा पहली बार होगा जब आजादी के खास मौके पर इन गांव के ग्रामीण नक्सलवाद से मुक्ति का जश्न मनाएंगे। इन गांवों की सूची बनाने पुलिस तैयारियों में जुट गई है। पुलिस अफसरों और जवानों के द्वारा उन गांवों का सर्वे भी किया जा रहा है। खास बात यह है कि देश में यह पहला मौका होगा, जब आजादी के दिन इतने गांवों को नक्सल मुक्त करने की आधिकारिक घोषणा होगी।
दंतेवाड़ा के अंदरूनी 20 गांवों का चयन किया गया है। वहां के ग्रामीण भी बदलाव का बंद लिफाफे में फीडबैक देंगे। गांवों में सर्वे होगा और 20 में से 15 गांवों की फाइनल सूची बनेगी। फिलहाल दंतेवाड़ा के गांवों को संवेदनशीलता के हिसाब से 3 कैटेगरी रेड, ग्रीन और यलो जोन में रखा गया है। दंतेवाड़ा की 149 ग्राम पंचायतों में से 33 गांव रेड जोन, 42 यलो जोन और शेष 72 गांव को ग्रीन जोन में रखा गया है। रेड जोन के 33 ऐसे गांव है जो पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में हैं।
कटेकल्याण इलाका ज्यादा प्रभावित, कैंप खुलने से मिली है राहत
दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण इलाके के सबसे ज्यादा गांव नक्सलियों के कब्जे में रहे हैं। पुलिस का सबसे ज्यादा फोकस इसी इलाके में ही रहा है। इस इलाके में नक्सलियों की कटेकल्याण एरिया कमेटी सक्रिय है। वर्दीधारी हथियारबंद हार्डकोर नक्सली जगदीश, मंगतू, बुधरा सहित कई नक्सली सक्रिय रहकर तांडव मचाते हैं। वहीं कटेकल्याण क्षेत्र में चिकपाल, तुमकपाल, टेटम, बड़े गुडरा, कुआकोंडा क्षेत्र में पोटाली, समेली, नदी किनारे बसे गांव छिंदनार, बड़े करका, बोदली गांवों में सुरक्षा बलों का हालही में कैंप भी खुला है। जिसके कारण जवानों की इन इलाकों में थोड़ी पैठ बढ़ी है।