ओडिशा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को चाइल्ड ट्रैफिकिंग (Child-trafficking) के मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस गिरफ्तारी के साथ ही बाल तस्करी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है और उनके चंगुल से डेढ़ साल की बच्ची को छुड़ाया गया है. राउरकेला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) बिक्रम केशरी भोई ने कहा कि तस्करी का काम कर रहे गिरफ्तार आरोपी नें पांच महिला है.
वहीं जांच से पता चला है कि पांच महिलाओं (Five women) सहित सभी सात आरोपी “अच्छे परिवारों” से हैं, जो स्टील सिटी (Steel city) में अपना खुद का बिजनेस करते हैं. वहीं पुलिस ने बताया कि इस रैकेट की आठवीं महिला सदस्य फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. भोई ने जोर देकर कहा कि रैकेट में शामिल लोगों का गिरफ्तार होना एक बड़ी उपलब्धि है. अब पकड़े गए इन लोगों से राज्य में चल रहे अवैध गतिविधि के बारे में सब कुछ पता लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में हम हर संभव एंगल से जांच करेंगे, जिसमें अंग व्यापार भी शामिल हो सकता है.
40 साल की महिला ने कराई शिकायत दर्ज
दरअसल पूरा मामला तब सामने आया जब राउरकेला के टिम्बर कॉलोनी निवासी एक 40 वर्षीय महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. महिला ने अपनी शिकायत में दावा किया कि दो स्थानीय महिलाओं ने उसे पैसे देने का वादा करके उसकी पोती को अगवा कर लिया है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस द्वारा सोमवार को स्टील सिटी में छापेमारी की गई जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
लड़की के लिए 40 हजार रुपये देने का वादा
ASP के अनुसार, महिला ने अपनी दर्ज एफआईआर में कहा कि उसे एक लड़की के लिए 40 हजार रुपये और एक लड़के के लिए 3 लाख रुपये देने का वादा किया गया था. उन्होंने कहा कि मुझे इस ऑफर को एक्सेप्ट करना का रीजन तो नहीं पता लेकिन हो सकता है कि कोरोना के कारण परिवार ने अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए पैसे लेने के लिए हामी भर दी होगी. पुलिस ने कहा कि हमने बच्चे को बाद में उसके माता-पिता को सौंप दिया गया था.