लोकसभा में बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अगले साल की तीसरी तिमाही में चंद्रमा पर अपना तीसरा मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च कर सकता है. कोरोना वायरस महामारी के कारण अंतरिक्षयान में थोड़ी देरी हुई है. कार्य की ताजा स्थिति को देखते हुए अगले साल की तीसरी तिमाही तक चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया, ‘चंद्रयान-3 के कार्य में आकृति को अंतिम रूप दिया जाना, उप-प्रणालियों का निर्माण, कंसॉलिडेशन, अंतरिक्ष यान स्तरीय विस्तृत परीक्षण और पृथ्वी पर प्रणाली के परफॉर्मेंस के मूल्यांकन के लिए कई विशेष परीक्षण जैसी विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल हैं. सिंह ने बताया कि कार्य की प्रक्रिया कोविड-19 महामारी के कारण बाधित हो गई थी. अनलॉक अवधि आरंभ होने के बाद चंद्रयान-3 पर कार्य फिर से आरंभ हो गया और अब यह कार्य संपन्न होने के अग्रिम चरण में है.
चंद्रयान-3 में नहीं होगा ऑर्बिटर
इससे पहले चंद्रयान को लेकर इसरो प्रमुख के. सिवन ने एक बयान जारी करके 2022 में प्रक्षेपण की उम्मीद जताई थी. के. सिवन ने कहा था कि कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से चंद्रयान-3 और देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ सहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कई परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. चंद्रयान-3 में अपने पूर्ववर्ती यानों की तरह ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा.
22 जुलाई 2019 को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई 2019 को हुआ था और इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘रोवर’ उतारने के लिए भेजा गया था. हालांकि, चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ 7 सितंबर 2019 को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं रहा और पहले ही प्रयास में यह सफलता अर्जित करने का भारत का सपना अधूरा रह गया.
तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना
उन्होंने कहा कि इसके बाद एक और मानवरहित मिशन को अंजाम दिया जाएगा, फिर तीसरी बार में मानवयुक्त मिशन को अंजाम दिया जाएगा. गगनयान परियोजना के तहत 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है. इस मिशन के लिए चार ‘टेस्ट पायलट’ चुने गए हैं जो इस समय रूस में प्रशिक्षण ले रहे हैं.