बिलासपुर। प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर के तखतपुर में लापरवाही की पराकाष्ठा सामने आई है। जिस वैक्सीन के भरोसे देश और राज्य
कोरोना महामारी से जंग जीतने का विश्वास दिला रहा है, स्वास्थ्य विभाग उन्हीं वैक्सीन को लावारिस हालत में छोड़े बैठा है। खुले में पड़े इन वैक्सीन के चोरी होने, दुरुपयोग होने और खराब होने की आखिर जिम्मेदारी किसकी है, यह तो जवाबदारों को बताना पड़ेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक वैक्सीनेशन सेंटर से स्वास्थ विभाग के कर्मचारी अधिकारी नदारद हैं। एक तरफ जहां विभाग चोरों को आमंत्रण दे है, तो दूसरी तरफ जिम्मेदार लोग इन वैक्सीन के पीछे की मेहनत और उसकी पीछे के विश्वास की कीमत को नहीं समझ रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर स्वास्थ विभाग के अधिकारी फ़ोन तक नहीं उठा रहे हैं।
बता दें कि जिले के तख़तपुर सांस्क़ृतिक भवन वैक्सीनेशन सेंटर का मामला है। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ निखिलेश गुप्ता समेत अन्य अधिकारी फ़ोन तक नहीं उठा रहे हैं। सूचना के बाद भी मौके पर खंड चिकित्सा अधिकारी नहीं पहुंचे हैं।
सबकुछ खुला ही खुला
स्वास्थ्य विभाग से भेजे गए आरएमए शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि मुझे बीएमओ के द्वारा भेजा गया है। उनका कहना था कि सांस्कृतिक भवन जाकर देखिए कि टीकाकरण सेंटर का गेट खुला है या नहीं। यहां टीकाकरण होता है और फार्मेसी के सामान रखे हुए हैं। आने पर गेट खुला पाया गया है। इसकी सूचना बीएमओ को दे दी गई है।
पुलिस भी पहुंच गई
तख़तपुर थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज का कहना है कि मुझे रात साढ़े दस बजे सूचना मिली कि तख़तपुर के सांस्कृतिक भवन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा टीकाकरण केन्द्र का दरवाजा खुला है। मौके पर आकर देखा तो सांस्कृतिक भवन का मैन गेट खुला हुआ था। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका के अधिकारियों को दी गई। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिति में निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में किसी प्रकार का कोई चोरी होना नहीं लग रहा है। अधिक जानकारी स्वास्थ्य विभाग वाले ही दे सकते हैं।