रायपुर। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आज विधानसभा में अशासकीय विधि विषयक कार्य के तहत धर्म परिवर्तन ,धर्मांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ विधि विरूद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 रखा गया ।
धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर बृजमोहन ने पेश किया अशासकीय विधेयक। अशासकीय संकल्प ख़ारिज विधेयक पेश करने के पक्ष में पड़े 13 वोट, विपक्ष में पड़े 54 वोट।
इससे पहले बृजमोहन अग्रवाल ने अशासकीय विधेयक पेश करते हुये इस पर सदन में चर्चा की मांग की. विधेयक पर आसंदी की टिप्पणी- इस पर चर्चा संभव नहीं. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, आसंदी बात नहीं सुनेगी तो मुझे धरने पर बैठना होगा। 28 फ़रवरी 2003 में मेरे द्वारा ही अशासकीय विधेयक सदन में लाया जा चुका है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि- नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनके साथ शादी की जाती है और शादी के बाद में धर्म परिवर्तन कराया जाता है। बाद मैं उन्हें तलाक दिया जाता है । छोड़ दिया जाता है ।और उसके कारण उनके बच्चे , पूरे परिवार उससे प्रताड़ित होते हैं । उसके कारण पूरा परिवार बर्बाद होता है। पूरी डेमोग्राफी बदलती है । और एक समाज से दूसरे समाज में झगड़े पैदा होते हैं। इसके कारण कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है। इसलिए मैं चाहता हूं कि यह जो विधेयक है उस पर चर्चा हो । समाज में विभाजन के हालात बनते हैं। नियोगी आयोग ने कहा था शादी कराकर धर्म परिवर्तन ना कराया जाये। इस प्रकार की चीजों को कानून बनाकर रोका जाना चाहिए और मेरे द्वारा यह जो विधेयक लाया गया हैं इस विधेयक का उद्देश्य यही है । छत्तीसगढ़ एक शांत प्रदेश है। यहाँ सांप्रदायिक दंगे नहीं होते। हम प्रदेश को इसी आग से बचाना चाह रहे हैं । यहां धर्मांतरण हो रहा है । इस विधेयक को लाकर इसे रोका जा सकता है। इस प्रकार का विधेयक जब पारित हो जाएगा तो भविष्य में हमारी बच्चों का भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे उसके जीवन को सुरक्षित कर पाएंगे।अशासकीय विधेयक को रोकना संसदीय परम्पराओं का अपमान है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि बहुमत के कारण आप इसे फेल कर सकते हैं पास नहीं होगा इसे पास करने से रोक सकते हैं आपके पास अधिकार है परंतु अशासकीय बिजनेस को रोकना यह लगभग संसदीय परंपराओं का अपमान है चर्चा होगी तो सत्ता पक्ष के विचार भी सामने आएंगे ।