देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। शुक्रवार को 41,495 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। एक्टिव केस बढ़कर फिर से 4 लाख के पार पहुंच गए हैं। पूरे देश में अनलॉक हो रहा है और इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ रहा है, जो तीसरी लहर का कारण बन सकता है। ऐसे में जर्मनी की एक रिसर्च का दावा सुकून देने वाला है कि कैश से कोरोनावायरस के फैलने का खतरा बहुत कम है।
यूरोपियन सेंट्रल बैंक के विशेषज्ञों ने रूहर-यूनिवर्सिटेट बोकम के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल मॉलीक्यूलर वायरोलॉजी के साथ मिलकर रिसर्च की। उद्देश्य यह जानना था कि क्या कैश कोविड-19 इन्फेक्शन फैलने का कारण हो सकता है? आइए जानते हैं कि क्या है यह रिसर्च? कैसे इस नतीजे पर पहुंचे जर्मन वैज्ञानिक?
नोट और सिक्कों पर रहा यह असर
स्टेनलेस स्टील की सरफेस पर यानी सिक्कों और नोट्स पर वायरस अलग-अलग समय तक जीवित रहा। स्टील की सरफेस पर सात दिन बाद भी इन्फेक्शियस वायरस जीवित मिला। पर 10 यूरो के नोट पर तीन दिन बाद वायरस पूरी तरह गायब हो गया। 10 सेंट के सिक्के पर 6 दिन, 1 यूरो के सिक्के पर दो दिन और 5 सेंट के सिक्के पर एक घंटे बाद कोई वायरस डिटेक्ट नहीं हुआ। डेनियल का कहना है कि 5 सेंट का सिक्का कॉपर का बना है, जिस पर वायरस ज्यादा समय तक नहीं टिकता।
स्टडी में रिसर्चर्स ने कोरोनावायरस को अलग-अलग सतहों पर एक महीने तक छोड़ दिया था। सूर्य के अल्ट्रावायलेट लाइट इफेक्ट से बचाने के लिए डार्क रूम में रखा गया। उन्होंने यह भी पाया कि कॉटन जैसी पोरस सरफेस के बजाय ठोस सरफेस पर कोरोनावायरस अधिक समय तक जीवित रहता है।