बिलासपुर- जिला शहर कांग्रेस कमेटी ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 101 वीं पुण्यतिथी का आयोजन किया।कोन्हेर गार्डन में तिलक जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें स्मरण किया।
कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक लोकमान्य तिलक जी की जीवनी पर कार्यक्रम के संचालक सैय्यद जफर अली ने प्रकाश डालते हुए कहा कि 23 जुलाई 1856 को जन्में और 1 अगस्त 1920 को परिनिर्वाण तक के 64 वर्षों के अपने जीवन काल में लोकमान्य तिलक ने राष्ट्र, समाज और मानवता को कई सौगातें दी।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वराज की सर्वप्रथम आवाज बुलंद करने वाले “स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा” का नारा देने वाले बाल गंगाधर तिलक आजादी की लड़ाई के प्रथम नायक थे। मराठा और केशरी जैसे समाचार पत्रों में आपके लेखों और कांग्रेस में आपके नेतृत्व में आयोजित आंदोलनों ने अंग्रेजी हुकूमत के पांव उखाड़ने का कार्य किया। लाल, बाल, पाल के तिकड़ी के प्रमुख हिस्सा तिलक जी की विद्वता और दूरदर्शिता अद्वितीय थी। देश में शिवाजी जयंती और गणेश पूजा की शुरुआत की परंपरा के जनक तिलक जी ने इन दोनों कार्यक्रमों में विभिन्न प्रकार के आयोजन कर देश के युवाओं व आम लोगों को एकजुट कर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ वातावरण बनाने का कार्य किया।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह चौहान ने लोकमान्य तिलक जी को देश ही नहीं विश्व के महानतम हस्तियों में एक बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने लोकमान्य तिलक को ज्ञान का सागर बताते हुए खुद को छोटा सा सरोवर बताया था। उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा था। पंडित नेहरू ने तिलक जी को आजादी की क्रांति का जनक कहा था। तिलक जी हिंदी को राष्ट्र भाषा व देवनागरी लिपि को राष्ट्र व्यापी भाषा बनाने में महती भूमिका अदा की। हिंदुस्तान में एक ही लोकमान्य नेता हुए वो केशव बाल गंगाधर तिलक थे । इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह चौहान ने बताया कि 2 अगस्त सोमवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. पंडित रविशंकर शुक्ला जी और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. विद्याचरण शुक्ला जी की जयंती का कार्यक्रम तिलक नगर कांग्रेस भवन में आयोजित किया गया है।
कांग्रेस के पुण्य तिथि के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से वरिष्ठ कांग्रेसी विनोद शर्मा, त्रिभुवन कश्यप, किरण देवरस, आशा सिंह, कमलेश लव्हात्रे, कार्यालय प्रभारी सुभाष ठाकुर, रामचन्द्र क्षत्रिय, राजेन्द्र सारथी, सुभाष सराफ, भरत जुरियानी, करम गोरख, विष्णु कौशल, उमेश वर्मा, अन्नपूर्णा उइके, राजेन्द्र शर्मा, शिल्पी तिवारी, हेमन्त दिघरस्कर, विद्या गोवर्धन, उत्तरा सक्सेना, अथर खान आदि शामिल थे। अंत में 2 मिनट का मौन रखकर महान पुरोधा तिलक जी को श्रद्धांजलि दी गयी और राष्ट्रगान किया गया।