राजधानी रायपुर की सड़कों पर आम वाहनों के साथ सैकड़ों की संख्या में अनफिट एंबुलेंस बेधड़क दौड़ रही है। पिछले महीने जिले के निजी सरकारी अस्पताल समेत नर्सिंग होम आदि संस्थाओं के एंबुलेंस की मैकेनिकल जांच करने शिविर लगाया गया था।
आरटीओ की नोटिस के बाद भी इस शिविर में 90 फीसदी एंबुलेंस फिटनेस जांच कराने नहीं पहुंची थी। केवल 10 फीसदी जांच कराने पहुंची एंबुुलेंस में जीपीएस सिस्टम,स्पीड़ गवर्नर समेत अन्य खामियां पाई गई थी।जांच शिविर में एंबुलेंस नहीं भेजने पर आरटीओ ने शनिवार को 127 अस्पताल, नर्सिंंग होम के संचालकों को नोटिस जारी कर 13 अगस्त तक स्पष्टीकरण देने के साथ ही 17 अगस्त को पुलिस परेड मैदान में सुबह दस बजे से आयोजित किए जा रहे जांच शिविर में एंबुलेंस को मय दस्तावेज भेजने को कहा है।शिविर से दोबारा नदारत होने वाले एंबुलेंस का पंजीयन निरस्त करने की एक तरफा कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक रायपुर जिले में निजी और सरकारी अस्पताल मिलाकर करीब एक हजार से अधिक एंबुलेंस पंजीकृत हैं। परिवहन, यातायात और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 23 जुलाई को पुलिस लाइन परेड मैदान में मैकेनिकल जांच शिविर में सभी अस्पतालों में दौड़ रहे एंबुलेंस को भेजने पत्र भेजा था,बावजूद इसके केवल 89 एंबुलेंस जांच कराने पहुंची जबकि 911 एंबुलेंस को अस्पताल प्रबंधन ने भेजा ही नहीं।
जांच में 48 एंबुलेंस में जीपीएस नहीं लगा था वहीं 38 गाड़ियों का फिटनेस रद और पांच गाड़ियों का बीमा समाप्त होना पाया गया था।शहर के ज्यादातर सरकारी और निजी अस्पतालों में मारुति वैन और बोलेरो धड़ल्ले से एंबुलेंस के रूप में दौड़ रही है। इन एंबुलेंस की कभी जांच नहीं होती है। आरटीओ शैलाभ साहू ने बताया कि जांच शिविर से गायब 127 अस्पताल प्रबंधकों को नोटिस जारी किया गया है।