रायपुर। छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की औसत दरों में छह फ़ीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है। नई दरें एक अगस्त से लागू हो गई हैं। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन हेमंत वर्मा ने घोषणा की।
आयोग के चेयरमैन हेमंत वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आयोग ने औसत दर 6. 41 निर्धारित की है, पिछले साल ये दर 5. 93 प्रति यूनिट थी, जो पिछले साल की तुलना में 48 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा है। किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के लिए पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है।
किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग ने 100 वॉट तक लाइट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी है। वहीं गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार वर्तमान में प्रभावशील 10 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है।
चेयरमैन हेमंत वर्मा ने कहा कि पिछले तीन सालों से कोई वृद्धि नहीं हुई थी। 2018-19 में राजस्व प्राप्ति अनुमान से अधिक था। इसलिये वृद्धि नहीं हुई थी। इसके बाद राजस्व प्राप्ति में कमी आई थी। पिछले साल कमी की भरपाई के लिए औसत तीन फीसदी की बढ़ोतरी की जानी थी, लेकिन कोरोना की वजह से नहीं की जा सकी थी। उन्होंने कहा कि देश में अब महामारी सामान्य हो रही है। सभी वर्गों में थोड़ी वृद्धि की गई है, जिसका औसत छह फ़ीसदी है।
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हेमंत वर्मा ने कहा कि घरेलू दरों में मामूली वृद्धि के साथ टैरिफ का पुनर्संरचना की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों के गौठानों को भी घरेलू दरों की सीमा में रखा गया है। पांच हज़ार से अधिक बिल का भुगतान ऑनलाइन किए जाने पर छूट दिया जाएगा। इससे अधिक बिल आने पर भुगतान ऑनलाइन करना अनिवार्य किया गया है।
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स्टील उद्योगों के लिए लोड फ़ैक्टर रिबेट
उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये पॉवर आफ आवर्स को प्रतिमाह 30 घंटे के स्थान पर 36 घंटा निर्धरित किया गया. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, सरगुज़ा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित हॉस्पिटल, नर्सिंग होम में प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में छूट को 5 फ़ीसदी से बढ़ाकर 7 फ़ीसदी की गई।