प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रक्वता एम.ए. इकबाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी अगस्त से नये विद्युत दर 6 से 10 प्रतिशत की वृद्धि कर घोषणा की है जबकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने पिछले दो वर्षो तक बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं कर एक रिकार्ड कायम किया था। इस वर्ष भी न्यूनतम बिजली की दर 0-100 यूनिट में 3 रू 60 पैसे निर्धारित किया है जो भाजपा शासित अन्य राज्यों तथा मध्यप्रदेश की तुलना में जहां प्रति यूनिट 4 रू 13 पैसे है इस तरह 53 नये पैसे छत्तीसगढ़ की सरकार सस्ती बिजली जनता को दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रक्वता एम.ए. इकबाल ने आगे कहा है कि भाजपा के शासन काल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने हर साल बिजली की दरों में वृद्धि की एवं 15 वर्षो में लगभग 300 प्रतिशत बिजली की दर में वृद्धि की गयी थी, वही नेता किस मुंह से बिजली दर में वृद्धि की आलोचना कर रहे है। उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को विभाजित कर पांच कंपनी बनाकर उसका आर्थिक बोझ जनता के ऊपर डाला था। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के घाटों को पाटते हुये बिजली बिल हॉफ योजना के अंतर्गत 40 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 1822 करोड़ रू. सब्सिडी देकर बिजली के मामले में बहुत बड़ी राहत दी है। वहीं किसानों को 5 एचपी निःशुल्क बिजली, बीपीएल के उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुफ्त बिजली, अस्पतालों, उद्योगों को सस्ती दर पर बिजली देकर राहत पहुंचायी है।
भाजपा के डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक को कांग्रेस ने सलाह दी है कि प्रदेश की बिजली की दरों की आलोचना करने के बजाय केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये जाने वाला ‘‘विद्युत संशोधन 2020 विधेयक’’ को रोकने का प्रयास करें अन्यथा बिजली की दरें आसमान छूने लगेगी।