रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के धीमे पड़ते ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरु हुई और एक मात्र जीपीएम के अलावा पूरे प्रदेश को पूरी तरह से अनलॉक कर दिया गया था। अब रायपुर में बीते सप्ताहभर के भीतर 10 इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। फिलहाल यह संक्रमण को रोकने के लिए वैकल्पिक प्रयास है, लेकिन जिस तरह से नए संक्रमितों की पहचान होने लगी है, आने वाले दिनों एक बार फिर पूर्ण लॉक डाउन करना पड़ सकता है।
राजधानी के न्यू राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरुतेग बहादुर सिंह नगर और महावीर नगर के दो इलाकों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील करने का आदेश 29 जुलाई को कलेक्टर ने जारी किया। अभी अगस्त का पहला सप्ताह शुरु ही हुआ है कि 5 और इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाने की नौबत आ गई है।
पड़ोसी राज्यों से आ रहा संक्रमण
छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, यूपी, झारखंड और ओड़िशा से घिरा हुआ है। इनमें से महाराष्ट्र, यूपी और आंध्रप्रदेश संक्रमित राज्यों में से हैं, जहां से छत्तीसगढ़ में संक्रमण यात्रियों के जरिए पहुंच रहा है। सरकार को सबसे पहले इसे ही रोकने के लिए जोर लगाने की आवश्यकता है।
दुर्ग पहले भी था हॉट स्पाट
कोरोना की जब दूसरी लहर आई थी, तो सबसे ज्यादा प्रभावित दुर्ग जिला हुआ था। यहां से शुरु हुआ प्रसार तेजी से पूरे प्रदेश में जहर की तरह घुल गया और मानों मौत की आंधी चल गई। लाखों लोग जहां संक्रमण की चपेट में आए, तो हजारों की मौत हो गई।
पहले से संभलना जरुरी
कोरोना की तीसरी लहर अगस्त से अक्टूबर के बीच आएगी, इसकी संभावना पहले ही व्यक्त कर दी गई थी। केरल में तबाही का दौर शुरू हो चुका है, चपेट में कर्नाटका और तमिलनाडू भी आ चुके हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ को तीसरी लहर की चपेट से बचाने के लिए अभी से ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।