विधानसभा सत्र के बाद अपने गृहक्षेत्र जा रहे विधायक बृहस्पत सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार उन्होंने एक सवाल पर पत्रकारों को ही अपना दिमाग ठीक करने की नसीहत दे डाली । बृहस्पत सिंह से जब टीएस बाबा प्रकरण में सवाल किया गया तो उन्होंने सरगुजा के आदिवासियों की संज्ञा अंगूठा छाप व्यक्तियों से कर दी। साथ ही ये हिदायत दे दी कि अपनी दिमागी हालत का इलाज करवाकर आए।
आखिर क्या था पूरा माजरा ?
बृहस्पत सिंह को अपने बीच पाकर स्थानीय पत्रकारों ने उनसे सर्किट हाउस में सवाल किया। सवाल था कि पिछले दिनों हुए उन पर हमले और सदन में हुए घटनाक्रम के बारे में । स्थानीय सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों ने सवाल किया
”आपने जो माफ़ी माँगा है..” बस इस बात को सुनते ही बृहस्पत सिंह ने पत्रकार को टोका और भड़क गए। उन्होंने सरगुजा के आदिवासियों को अंगूठा छाप करार देते हुए मीडियाकर्मी को नसीहत दी
”आप पत्रकार है बुद्धिजीवी है पढें लिखे हैं और हमारे सरगुजा के अंगूठा छाप आदिवासियों की तरह प्रश्न पूछना उचित नहीं समझता हूँ । जो भी हम विधायकों के साथ घटना घटित हुई.. विधानसभा में जो भी बात हुई आप उसमें वीडियो मंगा कर देख लें किसने क्या कहा है ..!”
मीडियाकर्मी ने फिर सवाल किया –
”मैं तो यह पूछ रहा हूँ कि थाने में दर्ज केस वापस लेंगे क्या”
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विधायक बृहस्पति सिंह का ग़ुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने पत्रकार को पत्रकारिता सिखाते हुए यह कह दिया दिमाग़ी हालत ठीक नहीं है.. विधायक बृहस्पति सिंह ने आगे कहा –
”आप पत्रकार बनने के पहले सवाल पूछने का स्तर सोचिए.. किसी ने आपको सीखा कर भेजा है तो दिमाग़ी हालत ठीक कर लीजिए फिर पूछ लीजिए सवाल..मैने जो भी कुछ कहा है वो मीडिया के सामने हुआ है। पहले अंबिकापुर कोतवाली में आपके सहयोगियों ने रिकार्डिंग की है। फिर बिलासपुर में आपके वरिष्ठ सहयोगियों ने टीवी में दिखाया है फिर रायपुर में विधायकों की मौजूदगी में मैंने अपनी बात रखी है,जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ है किसी से छिपा हुआ नहीं है। सदन में भी मैंने अपनी बात रख दी है.तो इस तरह का सवाल पूछने का क्या मतलब है”