रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायतों के अधिकार छीनने का का मामला गरमा रहा है। अपने वित्तीय अधिकारों में कटौती और कामकाज में राज्य एजेंसियों के दखल के दिशा निर्देश से पंचायतों के प्रतिनिधि खासे नाराज है। इस मामले पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार के समक्ष सामूहिक आपत्ति दर्ज कराने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पंचायत व ग्रामीण विभाग के सचिव की ओर से एक आदेश जारी करके स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत पंचायतों को मिले अधिकार लेकर सामग्री खरीदने का अधिकार पंचायत विभाग को दे दिया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने आशंका जताई है कि पंचायत की निधि से राज्य द्वारा निर्धारित एजेंसी और दर से खरीद किये जाने से ठेकेदारों को उपकृत किया जाएगा।
पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि पंचायतों को सशक्त करने के देशव्यापी अभियान के बीच छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंचायतों के पर कतरने के लिए राज्य एजेंसियों का दखल खरीद से लेकर काम के निर्धारण तक मे बढ़ाना अचरज भरा है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की पंचायतों में कांग्रेस का दबदबा है। लेकिन पंचायतों को भरोसे में लिए बिना इस वक्त विरोधाभासी फैसला निचले स्तर पर बड़ी नाराजगी का सबब बन सकता है। माना जा रहा है कि इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।