रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज चंद किमी दूर पर स्थित अभनपुर ब्लॉक के सोनेसिल्ली गांव में सरपंच और उपसरपंच पर दादागिरी और मनमानी का आरोप लगाया गया है। आरोप लगाने वाले कोई और नहीं, बल्कि उस गांव के 23 ऐसे परिवार हैं, जिन्हें सालों पहले पंचायत ने ही किसानी के लिए जमीन आवंटित किया था। उन्हें वर्तमान सरपंच और उपसरपंच ने बेदखल कर दिया है।
प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के सरकारी निवास के सामने बैठे इन गरीब किसानों से जब चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि 51 साल पहले पंचायत ने जीवनयापन के लिए उन्हें जमीन आवंटित की थी, जिस पर वे खेती—किसानी किया करते थे और अपने परिवार का भरण—पोषण करते थे।
पुलिस ने भी खदेड़ दिया
जमीन से बेदखली और गांव में सरपंच की मनमानी के खिलाफ शिकायत लेकर गुहार लगाने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के सरकारी निवास के सामने बैठे इन गरीब किसानों और उनके परिवार पर पुलिस को भी तरस नहीं आई। उन्होंने उन किसानों को मंत्री के बंगले के पास से बलपूर्वक खदेड़ दिया।
बिलख रहे छोटे—छोटे बच्चे
दो वक्त की रोटी छिन जाने की वजह से 23 किसानों का परिवार पैदल चलकर अभनपुर से रायपुर पहुंचा है। इन किसानों के साथ उनका परिवार भी है, जिसमें छोटे—छोटे बच्चे भी हैं। पूरी रात पैदल चलते हुए बच्चे एक तरफ जहां थक गए हैं, वहीं भूख से बिलबिला रहे हैं।
बिगड़ रही किसानों की तबीयत
खेती जमीन के छिनने का डर जहां किसानों और उनके परिवार को सता रहा है, तो भविष्य की चिंता भी उन्हें सताने लगी है। जिसकी वजह से किसानों की तबीयत बिगड़ रही है। एक की बिगड़ती हालत के चलते उसे अस्पताल दाखिल किया गया है।