रायपुर। चोला मंडलम फायनेंस कंपनी धोखाधड़ी का शिकार हो गई है। कंपनी को फर्जी जमीन का दस्तावेज दिखाकर लोन लेने का मामला प्रकाश में आया है। आरोपितों ने कोटा स्थित जमीन को बंधक रखकर लोन लिया था। आरोपितों ने अचानक लोन की किस्त अदा करना बंद कर दिया, तब कंपनी के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर जमीन देखा, तो उस पर मकान बनाकर दूसरे लोग रह रहे हैं। कंपनी ने आरोपितों को कार्यालय बुलाया तो एक भी आरोपित कंपनी के कार्यालय नहीं पहुंचे हैं।
इस तरह आरोपितों ने कंपनी को करीब 94 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। कंपनी ने सरस्वती नगर पुलिस में आरोपितों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है। सरस्तवी पुलिस के मुताबिक, डीडी नगर रायपुरा निवासी प्रकाश वर्मा चोला मंडलम कंपनी में कलेक्शन मैनेजर के पद पर पदस्थ हैं। आरोपित राजेश अहूजा, सौम्या अहूजा, विकास अहूजा, प्रिया अहूजा, रमेश अहूजा और सुशीला अहूजा ने लोन लेने के लिए वर्ष 2015 में चोला मंडलम फायनेंस कंपनी में आवेदन किया था।
लोन की सुरक्षा के लिए कोटा स्थित रायपुर खसरा नंबर 129/2, 129/5, के रकबा 1000-1000 वर्गफुट के तीन प्लाट कुल तीन हजार वर्गफुट भूमि एवं उस पर निर्मित मकान तथा खसरा नंबर 131/12, 143/81,प्लाट नंबर 39,40,41 एवं 42 के रकबा 900 वर्गफुट के चार प्लाट कुल 3600 वर्गफुट भूमि एवं उस पर निर्मित मकान को कंपनी के समक्ष बंधक रखा था।
लोन लेने के समय आरोपितों ने अपनी संपत्ति की फोटो कंपनी के पास जमा की थी और मौके पर बंधक रखा जा रहा मकान भी दिखाया था। कंपनी आरोपितों द्वारा बताए गए विवरण एवं फोटो पर विश्वास कर आरोपीगण को चालीस लाख रुपए का लोन तथा साठ लाख रुपए का लोन दिया था। लोन लेने के कुछ समय बाद से आरोपीगण ने निर्धारित किस्तो का भुगतान बंद कर दिया है।