बंगाल (Bengal) में सात साल के बच्चे की सूझबूझ से बड़ा ट्रेन हादसा (Train Accident) टल गया. दक्षिण 24 परगना (South 24 Paraganas) के मुकुंदपुर का रहने वाला दूसरी कक्षा का छात्र दीप नस्कर (Deep Naskar) अपने घर के सामने रेल लाइन के किनारे खेल रहा था, लेकिन उसकी सूझबूझ के कारण एक बड़ा रेल हादसा टल गया. इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री सुभाष सरकार (Dr Subhas Sircar) ने उसे बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उसके प्रयास की सराहना की है.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने आज ट्वीट करते हुए लिखा है,” दीप नस्कर नाम के एक 7 वर्षीय लड़के ने अपने प्रजेंस ऑफ माइंड और जिम्मेदारी के साथ के विद्याधरपुर में कैनिंग लोकल को रोककर सैकड़ों लोगों की जान बचाई है. मैं उसका आभारी हूं और उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति में लक्षित समग्र शिक्षा का एक सच्चा उदाहरण है.
रेलवे ने 5000 रुपए का पुरस्कार देने का किया है ऐलान
सियालदह के डीआरएम एसपी सिंह ने बताया, ‘जिस रेल लाइन में दरार पड़ी थी, वह वेल्डिंग की हुई थी, जो खुल गई थी. उस बच्चे की वजह से ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई। मैंने रेलवे कर्मचारियों से उस बच्चे के परिवार से संपर्क करने को कहा है. उसने बहुत बड़ा काम किया है. उसे 5,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. बच्चे का उत्साह बढ़ाने के लिए रेलवे की तरफ से कदम उठाया जाएगा.”
जानिए उस दिन क्या घटी थी घटना ?
बता दें कि उस दिन रेललाइन के पास खेल रहे दीप नस्कर की नजर अचानक रेललाइन में पड़े दरार पर पड़ी. खतरे को भांपकर दीप तुरंत घर की तरफ भागा और अपनी मां सोनाली नस्कर को यह बात बताई. सोनाली ने भी देर न करते हुए आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद वे सभी लाल कपडे़ लेकर रेल लाइन पर आ गए. कुछ देर बाद वहां से सियालदहगामी कैनिंग स्टाफ स्पेशल गुजरने वाली थी. ट्रेन को आता देख जितने लोग वहां खड़े थे समझदारी का परिचय देते हुए सभी लोग ट्रेन को रोकने के लिए लाल कपड़ा हाथ में लेकर हिलाने लगे. ट्रेन चालक ने दूर से लोगों को लाल कपड़ा हिलाते देख लिया और ट्रेन रोक दी. ट्रेन रुकने के बाद विद्याधरपुर बुकिंग सुपरवाइजर से संपर्क किया गया. वहां से इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी पहुंचे और लाइन की मरम्मत शुरू की. उसे ठीक करने के लिए 40 मिनट तक चली मरम्मत का काम उसके बाद ट्रेन को रवाना किया गया.