रायपुर। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय रायपुर में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के संचालक भरतलाल, रूपा मिश्रा और अमित शुक्ला, छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन का काम एक अभियान के रूप में किया जा रहा है। वर्ष 2023 तक राज्य के हर घर में मुफ्त नल कनेक्शन देने का लक्ष्य है। इस मिशन में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर के मान से जल की आपूर्ति की जानी है। इस मापदंड को ध्यान में रखते हुए लंबे समय तक जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की नरवा विकास योजना में वॉटर रिचार्जिंग का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। पिछले ढाई वर्षों में वन विभाग तथा जल संसाधन विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभागों के समन्वय से किए जा रहे वॉटर रिचार्जिंग के कार्य से कई क्षेत्रों के जल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ नया और पिछड़ा राज्य है, इसलिए जल जीवन मिशन के लिए केन्द्रांश की राशि 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं, इन जिलों में सघन वन हैं, इन क्षेत्रों की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बिजली नहीं पहंुची है। वनांचल बाहुल्य क्षेत्र में योजना की लागत बढ़ जाती है। छत्तीसगढ़ को केन्द्र सरकार से जीएसटी की राशि मिलना भी शेष है।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि नागरिकों को शुद्ध पेयजल की उपलब्धता जीवन की मूलभूत आवश्यकता है, इसलिए भारत सरकार और राज्य सरकार जल जीवन मिशन के कार्यो को प्राथमिकता से पूरा कर रही है। वर्ष 2024 तक देश के हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है और बहुत से राज्य इस लक्ष्य को तेजी से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इस मिशन के लिए राज्यों को सामान्य रूप से 50 प्रतिशत राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होेंने कहा कि ऐसे गांव जहां पहले से ही नलजल योजना संचालित हैं और वहां कुछ घरों में पानी पहंुचाने का काम बच गया है, ऐसे गांवों में प्राथमिकता के आधार पर जल जीवन मिशन के कार्य पूर्ण किए जाएं तो इससे कार्य में गति आएगी। उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का काम केवल पेयजल योजनाओं के निर्माण का ही नहीं है, बल्कि पेयजल योजनाओं का नियमित संचालन, समुचित मात्रा में गुणवत्तापूर्ण जल की आपूर्ति और समय-समय पर वॉटर टेस्टिंग का काम करना भी है। केन्द्रीय मंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यों की नियमित समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के कार्यो पर प्रस्तुतिकरण देते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बताया कि वर्ष 2021-22 में 22 लाख 14 हजार परिवारों को नल कनेक्शन देने के लिए कार्य योजना अनुमोदित की गई है और राज्य की 5 हजार 44 गांवों में 14 लाख 10 हजार परिवारों को नल कनेक्शन देने के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में 39 लाख 81 हजार से अधिक परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया जाना है। उन्होंने बताया कि समस्त गांवों में जल एवं स्वच्छता समिति का गठन कर ग्राम कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जल जीवन मिशन के कार्यो का प्रचार-प्रसार लोक कलाकारों के माध्यम से किया जा रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया और विशेष प्रचार वाहनों के माध्यम से ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी जा रही है। विगत 22 जून को जल जीवन मिशन के स्वीकृत कार्यों का वर्चुअल भूमिपूजन एवं शिलान्यास विभिन्न जिलों में किया जा चुका है। जल जीवन मिशन के कार्यो से पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिनों को जोड़ा गया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के फ्लोराईड प्रभावित 150 बसाहटों में सोलर आधारित इलेक्ट्रो डीफ्लोरीडेशन प्लांट का स्थापना का कार्य किया जा रहा है। इनमें से 27 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। इसी प्रकार आयरन आधिक्य प्रभावित 52 बसाहटों में से नलजल योजना का काम किया जा रहा है। 65 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराए गए हैं, इसके लिए 7 हजार 950 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। एक राज्य स्तरीय प्रयोगशाला के साथ ही 27 जिलों, 22 उपखंड स्तरीय, 18 मोबाइल प्रयोगशालाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि वॉटर रिचार्जिंग के अंतर्गत नरवा कार्यक्रम में 2 हजार 411 नालों में 14 लाख 22 हजार से अधिक कार्य किए गए हैं। वर्ष 2021-22 में 8 हजार 288 नालों को चिन्हित कर एक लाख 33 हजार कार्यो के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। मनरेगा के तहत 4 हजार 494 तालाबों का निर्माण 14 हजार 174 तालाबों का गहरीकरण और 2 हजार 750 चेक डेम का निर्माण किया गया है।