आंध्र प्रदेश में नर्स के साथ दुष्कर्म के आरोप में एक कोरोना मरीज के बेटे को गिरफ्तार किया गया. बताया जा रहा है ये हरकत प्रकाशम जिले के रिम्स अस्पताल ओंगोल में की गई. जिसके बाद पुलिस उप निरीक्षक रफी को मामले की जानकारी दी गई. पुलिस अधिकारी रफी ने बताया की आरोपी को अगले दिन गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया गया है. पुलिस ने आगे बताया 1 अगस्त रात 8 बजे, नर्स ड्यूटी के बाद निकलने वाली थी तब एक कोरोना मरीज के बेटे ने नर्स पर आरोप लगाया कि नर्स ने उसकी मां का मास्क ठीक से ठीक नहीं किया.
आरोपी ने कथित तौर पर नर्स की पीठ पर वार किया जिसके बाद गुस्से में नर्स ने उसे थप्पड़ मार दिया, वहीं विवाद और बढ़ गया. जिसने एक बड़ी लड़ाई का रूप लिया और वार्ड के अन्य लोग दोनों को बचाने के लिए आगे आए. नर्स और अस्पताल के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर, पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 के तहत यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है और उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है.
COVID-केयर सेंटर से दो मरीजों को भी किया था गिरफ्तार
15 जुलाई को, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में एक COVID-केयर सेंटर से दो मरीजों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कथित तौर पर सुविधा में एक नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया था. वहीं आंध्र प्रदेश के एक गांव में सैकड़ों आवारा कुत्तों को जहर देकर मारने का मामला सामने आया है. इस मामले में एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट ने पुलिस में केस दर्ज करा दिया है, जिसके बाद पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
मामला पश्चिमी गोदावरी जिले के लिंगापालेम गांव है, जहां कथित तौर पर 300 से ज्यादा आवार कुत्तों को जहर देकर मारने का मामला सामने आया है. एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट ललिता ने आवारा कुत्तों की हत्या के लिए लिंगापालेम गांव की पंचायत को जिम्मेदार ठहराया है.एक्टिविस्ट ललिता का कहना है कि ग्राम पंचायत ने आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने की बजाय उन्हें मारने का फैसला लिया और जहर का इंजेक्शन देकर उन्हें मार डाला. उन्होंने दावा किया है कि वो गांव गई थीं, जहां उन्होंने देखा कि कुत्तों को दफनाया जा रहा है. उन्होंने इसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया.