नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने वजन कम करने के लिए एथलेटिक्स जॉइन की थी। लेकिन आज पूरे भारत की निगाहें उनपर टिकी हुई हैं। भारत का 121 साल का इंतजार शनिवार को जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा खत्म कर सकते हैं।
नीरज इस समय बेहतरीन लय में हैं। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो के क्वालिफाइंग इवेंट में 86.65 मीटर की थ्रो की थी। उन्होंने क्वालिफाइंग के ग्रुप ए और ग्रुप बी को मिलाकर पहला स्थान हासिल किया था। नीरज का पर्सनल बेस्ट 88.06 मीटर है। इस थ्रो के साथ उन्होंने 2018 एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल जीता था। अगर वे फाइनल में इस प्रदर्शन को दोहरा देते हैं तो मेडल जीतने की उनकी संभावना काफी बढ़ जाएगी।
इंडियन आर्मी में काम करने वाले नीरज अपने करियर में अब तक 5 मेगा स्पोर्ट्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।
हर किसी ने लगाया दम
भले ही भारत को टोक्यो ओलंपिक में अब तक गोल्ड हासिल नहीं हुआ है, लेकिन ओलंपिक के विभिन्न विधाओं में भारतीय खिलाड़ियों ने जैसा प्रदर्शन किया है, वह गोल्ड मेडल से कहीं ज्यादा अभूूतपूर्व साबित हुआ है। प्रत्येक खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से देशवासियों का दिल जीत लिया है।