पालिका जनप्रतिनिधि प्रशासनिक निर्देश के विरोध मंे, जिला प्रशासन से लगाई गुहार
गरियाबंद – नगर पालिका प्रशासन द्वारा जारी एक तुगलकी फरमान के चलते हैं नगर के चंडी चौक में 30 वर्षों से काबिज व्यापारी सकते में आ गए हैं, कारण की दिए गए इस तुगलकी फरमान में पालिका प्रशासन ने पौनी पसारी योजना के तहत शेड युक्त चबुतरा निर्माण हेतु व्यापारियों को 24 घंटे के भीतर ही काबिज जगह खाली करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रशासन ने 24 घंटे में जगह खाली न करने पर एकतरफा कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है। पालिका प्रशासन के निर्देश जारी होने के बाद नगर में लगभग 2 पीढ़ी से काबिज ये व्यापारी जिनका जीवन निर्वहन और परिवार का भरण पोषण इसी दुकान के माध्यम से चलता आ रहा है, उनके माथे में चिंता की लकीर खींच गई। व्यापारी एकजुट होकर इस फरमान के विरोध में कर रहे है।
काबिज व्यापारियों का कहना है कि इतने साल तक पालिका प्रशासन नियमित रूप से कर वसूली करती रही और हमारे द्वारा भी जमा किया जाता रहा है, कभी कोई शिकायत या इस प्रकार का फरमान इसके पूर्व के प्रशासन में देखने सुनने को नहीं मिला। परंतु इतने साल से काबिज होने के बाद भी जिस प्रकार से पालिका प्रशासन ने फरमान जारी कर जगह खाली करने का निर्देश दिया है वह न्यायोचित नही है, अमानवीय और एकतरफा है। व्यापारियो ने बताया कि उन्होने दुकान से संबंधित दस्वावेज भी पालिका प्रशासन के समक्ष जमा किए परंतु उसे अस्वीकार कर दिया गया है। उनका कहना है कि यदि दुकान तोड़ दी जायेंगी तो वे कहां जायेगे। उनका रोजगार रोजी रोटी ही समाप्त हो जाएगा। प्रशासन दूसरी जगह तय करे।
इधर पालिका प्रशासन के इस फरमान के विरोध में नगर पालिका के जनप्रतिनिधि भी व्यापारियों के समर्थन में उतर गए हैं, व्यापारियो को नोटिश मिलने की जानकारी लगते ही आनन फानन में नगर पालिका अध्यक्ष ने सभी पार्षदों की आवश्यक बैठक पालिका परिषद में बुलाईं। बैठक में ही नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेक सहित 12 पार्षदों और एल्डरमेनो ने भी इस पर अपना विरोध जताया है। पालिका अध्यक्ष ने सीएमओ को तलब करते हुए कहा कि नोटिश जारी करने के पहले इस मुद्दे को पालिका परिषद की बैठक में रखना था लेकिन जनप्रतिनिधियों को संज्ञान में लिए बिना ही पालिका प्रशासन ने निर्देश जारी कर दिया है।
जनप्रतिनिधियो ने जब इस कार्यवाही पर रोक लगाने कहा तो सीएमओ ने तुगलकी फरमान के समान ही तुगलकी जवाब देकर किराना कर लिया। अधिकारी ने दो टूक कहा कार्यवाही उनके अधिकार क्षेत्र में है, मुद्दा परिषद में रखने की जरूरत नही है। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने इसे लेकर कई सवाल जवाब किए, परंतु सीएमओ ने ना सही तरीके से जवाब दिया और नाही सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रहे जनप्रतिनिधियों को तवज्जों दी। इसके बाद सभी जनप्रतिनिधि एकजुट होकर इसके विरोध में जिला प्रशासन के पास गुहार लगाने संयुक्त कार्यालय पहुॅच गए। जहां व्यापारियो की उपस्थिति में प्रशासन से मिलकर जनप्रनिधियो ने व्यापारियो के हित में इस निर्देश पर रोक लगाने की मांग की।
इस संबंध में नगर पालिका अधिकारी संध्या वर्मा ने बताया कि उक्त जगह में पौनी पसरी योजना के तहत शेड युक्त चबुतरा निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। शासन से राशि मिल गई है। उक्त जगह का पूर्व में परिषद की बैठक में आरक्षित की गई है। प्रशासन नियमानुसार कार्यवाही कर रहा है।
इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन ने कहा
पालिका प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और स्थानीय व्यापारी वर्ग को विश्वास में लिए बिना प्रशासन को इस प्रकार की कार्यवाही नहीं करनी चाहिए। स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों के आपसी संबंध और अन्य व्यवस्थाएं रहती है, जो इस प्रकार के निर्देश के चलते काफी प्रभावित होती है। इधन जनप्रतिनिधियों ने भी कहा कि हम सब नगर का विकास चाहते हैं परंतु कभी किसी व्यापारी या गरीब परिवार के साथ अहित कर उन्हे नुकसान पहुंचे इस तरह से कोई कार्य नही होना चाहिए।
बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेक, सभापति आसिफ मेमन, वंश गोपाल सिन्हा, विष्णु मरकाम, गुलेश्वरी ठाकुर, पदमा यादव, पार्षद देवकरण मरकाम, प्रतिभा पटेल, विमला साहु, रितिक सिन्हा, ज्योति साहनी, सांसद प्रतिनिधि टिंकू ठाकुर, एल्डरमेन हरीश ठक्कर, रमेश मेश्राम, छगन यादव, व्यवसायी जलाराम ठक्कर, रिक्की गुप्ता, आसिफ मेमन, राहुल सोनी, उमेश यादव ने भी इस पर अपना विरोध जताया है।