रायपुर में अब डेंगू का जानलेवा हो चला है। सोमवार को रायपुर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती दो मरीजों की मौत हो गई। इसमें से रायपुर की 13 वर्षीय बच्ची और अभनपुर के लमकेनी निवासी युवा शामिल हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इनकी डेंगू से हुई मौत को मानने से ही इनकार कर दिया है। अफसरों का कहना है कि अस्पताल की ओर से डेंगू होने की कोई जानकारी नहीं दी गई।
रायपुर के चूणामणि वार्ड निवासी महेश पनिका की बेटी भावना (13) का स्वास्थ्य विभाग के मोबाइल यूनिट में आरडी टेस्ट कराया था। परिवार का कहना है कि रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। भावना को मंगलवार को समता कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने प्लेटलेट्स कम होना बताया। शनिवार को उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि भावना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिवार का भी टेस्ट कराया था। बड़ी बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि वह अस्पताल से 2-3 दिन बाद डिस्चार्ज हो गई। वहीं रविवार रात को अभनपुर के ढोढरा सोसाइटी के अध्यक्ष दीपक दीवान की भी मौत हो गई। उन्हें डेंगू के इलाज के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दीवान लमकेनी गांव के निवासी थे।
29 जून को भी हो चुकी है एक बच्ची की मौत
रायपुर जिले में अभी तक डेंगू के 113 मरीज मिल चुके हैं। बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। 29 जून को रायपुर के रामनगर की एक बच्ची की मौत हुई थी। शनिवार-रविवार को हुई दो मौतों को मिलाकर यह संख्या अब तीन हो चुकी है।
फरवरी में मिला था इस साल का पहला मामला
इस वर्ष डेंगू का पहला मरीज 1 फरवरी को देवपुरी के वर्धमान नगर से मिला था। मार्च में बीएसयूपी कॉलोनी और अशोनगर से मरीज मिले। अप्रैल और मई में कोई नया मामला सामने नहीं आया, लेकिन जून महीने में बीमारों के मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। अब यह जानलेवा हो चला है।
सीएमएचओ बोलीं, अस्पताल ने डेंगू नहीं बताया
इधर रायपुर की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल इन मौतों की वजह डेंगू होने से फिलहाल के लिए इनकार कर रही हैं। उन्होंने कहा, अस्पताल ने बच्ची की रिपोर्ट डेंगू नहीं बताया है। वहां से बताया गया है कि बच्ची को सिकलिंग था, जिससे मौत हुई है। अभनपुर के व्यक्ति के संबंध में भी अस्पताल से जानकारी मांगी गई है। बताया जा रहा है, स्वास्थ्य विभाग की एक टीम मंगलवार को अस्पताल जाकर जांच करेगी।