कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए राजधानी के पंडरी स्थित जिला अस्पताल में 22 बिस्तरों का प्री-फेब्रिकेटेड पोर्टेबल अस्पताल तैयार किया गया है। चार आइसीयू और 18 बिस्तर तैयार हैं। इसे इस ढंग से बनाया गया है कि जरूरत पड़ने पर 18 बिस्तरों को भी आइसीयू में बदला जा सके। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि चार कंटेनर में तैयार इस पूरे अस्पताल को जरूरत पड़ने पर कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है। वर्तमान में कोरोना के काफी कम केस आ रहे हैं।
ऐसे में इसमें अन्य अन्य बीमारियों के मरीजों को भर्ती करने के लिए खोलने की तैयारी चल रही है। प्रबंधन के मुताबिक अस्पताल में पहले से 18 बिस्तरों का वार्ड कोरोना मरीजों के लिए रखा गया है। परिसर में ही 30 बिस्तरों अलग से तैयार हो रहे अस्पताल में भी कुछ काम बचे हैं। जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। वहीं अस्पताल के दूसरे मंजिल में 20 बिस्तरों का आइसोलेशन सेंटर बनाने की तैयारी है। लेकिन इसके निमार्ण की शुरुआत होने में करीब तीन महीने लगेंगे।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. पीके गुप्ता ने बताया कि 22 बिस्तरों का प्री फेब्रिकेटेड अस्पताल बनकर तैयार है। अभी कोरोना के केस कम है। यदि जरूरत पड़ी तो इसे अन्य बीमारी के मरीजों को भर्ती करने में अस्पताल का उपयोग कर सकते हैं। पोस्टमार्टम के लिए टेबल नहीं है। शुरू होने में कम से कम दो महीने लगेंगे।