रायपुर : एम्स रायपुर में बीएससी नर्सिंग छात्रा साक्षी दुबे के आत्महत्या मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है। शिकायत के बाद एम्स को मामले में जवाब मांगा जा रहा है।
मामले में 2 जुलाई 2021 दो जुलाई को एम्स रायपुर के हॉस्टल में साक्षी दुबे ने संदिग्ध हालत में आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद एम्स के परिवार वालों ने रेडियोलॉजी के एचओडी डॉ नरेन्द्र कुमार वोधे पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।
शिकायत पर पुलिस ने पूछताछ के लिए डॉक्टर को थाने तलप किया था। इधर साक्षी को न्याय दिलाने के लिए सर्व समाज समिति के कार्यकर्ताओं ने एम्स डायरेक्टर डॉक्टर नितिन एम नागरकर और डिप्टी डायरेक्टर अंशुमन गुप्ता के कार्यालय का घेराव कर आरोपित एचओडी के खिलाफ विभागीय जांच की मांग किये थे। उस बीच एम्स से संतोषजनक जवाब ना मिलने की वजह से युवाओं को डायरेक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ा।
इसके बाद कही जाकर डायरेक्टर नागरकर ने जांच समिति बैठने और आरोपित डॉक्टर को तब तक के लिए पद से हटाने की बात कार्यकर्ताओं से कही गई थी। लेकिन बाद में एम्स द्वारा मामले रफादफा करा दिया गया। इधर पुलिस ने भी सबूत ना मिलने का हवाला देते हुए जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। आत्महत्या के बाद जिस तरह से एम्स प्रबंधन का रूख सामने आया है। उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में सर्वसमाज समिति ने जांच के लिए पीएमओ में पत्र भेजा। जिसे संज्ञान लेते हुए पीएमओ में के.एम.अग्रवाल को जांच अधिकारी बनाया गया है।
साक्षी आत्महत्या मामले में बिलासपुर में मानवता समाजिक संगठन ने बिलासपुर के कैंडल मार्च निकालकर साक्षी दुबे को श्रद्धांजलि देते हुए उसे इंसाफ देने की मांग की।