एक तरफ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. कुछ शहरों में तो पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर के पार चली गई है. लेकिन इसके बाद भी पेट्रोल-डीजल के मांग में बढ़ोतरी जारी है. जुलाई के बाद अगस्त के महीने में भी मांग से तेजी दर्ज की गई है. केवल डीजल की बात करें तो इसकी बिक्री प्री कोविड लेवल पर पहुंचने के करीब है.
दरअसल कोरोना के दूसरे वेब के बाद लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद भारत में ईंधन की मांग में सुधार अगस्त में भी जारी रहा और महामारी संबंधी प्रतिबंधों में ढील के बाद देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन, डीजल की बिक्री कोविड से पहले के स्तर तक पहुंचने के करीब है.
प्री कोविड लेवल के पार हुई पेट्रोल की बिक्री
पेट्रोल की बिक्री पहले से ही कोविड से पहले के स्तरों से ऊपर जा चुकी है जबकि डीजल की बिक्री आठ प्रतिशत कम है.सरकार के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने अगस्त के पहले पखवाड़े में 9.8 लाख टन पेट्रोल बेचा, जो एक साल पहले की अवधि से 9.4 प्रतिशत अधिक है. वहीं यह कोविड से पहले, 1-15 अगस्त, 2019 में 9.5 लाख टन की पेट्रोल बिक्री की तुलना में 3.7 प्रतिशत अधिक है.
21 लाख टन हुई डीजल की बिक्री
डीजल की बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में 1-15 अगस्त, 2021 के दौरान 18.5 प्रतिशत बढ़कर 21.1 लाख टन हो गई, लेकिन यह अगस्त 2019 से 7.9 प्रतिशत कम है.पिछले महीने, डीजल की खपत कोविड से पहले के स्तरों की तुलना में 11 प्रतिशत कम रही.मार्च के बाद यह लगातार तीसरा महीना है जिसमें खपत में वृद्धि देखी गई है.
मार्च के बाद देखी जा रही सुधार
कोविड-19 संक्रमण दूसरी लहर की शुरुआत से पहले इस साल मार्च में ईंधन की मांग लगभग सामान्य स्तर पर पहुंच गई थी. लेकिन इसके बाद विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन फिर से लागू हो गया, जिससे आवाजाही ठप हो गई और आर्थिक गतिविधि मंद पड़ गई.
जुलाई में भी थी तेजी
अगस्त से पहले जुलाई के महीने में भी मांग में तेजी देखने को मिली थी. मासिक आधार पर पेट्रोल की खपत जून के मुकाबले 14 फीसदी अधिक रही. हालांकि, आर्थिक गतिविधि का एक संकेतक डीजल की खपत 2019 की समान अवधि से लगभग 11 फीसदी कम थी. पिछले साल की तुलना में, हालांकि बिक्री 13 फीसदी ज्यादा है.