भोपाल साइबर क्राइम ने एमबीए छात्रा को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि अपने जान-पहचान के लोगों के बैंक खाते, एटीएम कार्ड लेकर सायबर फ्राड करने वाले अपने दोस्तों को उपलब्ध करा रही थी। पुलिस ने छात्रा के पास से 3 बैंक पासबुक, 22 एटीएम कार्ड, 1 मोबाइल, 2 सिमकार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने दावा किया कि इन बैंक खातों में सालभर के अंदर करीब 50 से 60 लाख रुपए का लेन-देन हुआ है।
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भोपाल साइबर क्राइम ने एमबीए छात्रा को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि अपने जान-पहचान के लोगों के बैंक खाते, एटीएम कार्ड लेकर सायबर फ्राड करने वाले अपने दोस्तों को उपलब्ध करा रही थी। पुलिस ने छात्रा के पास से 3 बैंक पासबुक, 22 एटीएम कार्ड, 1 मोबाइल, 2 सिमकार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने दावा किया कि इन बैंक खातों में सालभर के अंदर करीब 50 से 60 लाख रुपए का लेन-देन हुआ है।एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि कटारा हिल्स निवासी नम्रता दुधानी गृहणी हैं। नम्रता ने पुलिस को बताया कि उसके मकान में बैतूल निवासी 22 साल की अंजली किराए पर रहती थी। इस वजह से उससे दोस्ती हो गई। सालभर पहले अंजली ने अपनी स्कॉलशिप की रकम खाते में मंगवाने का बोलकर उसके बैंक खाते, एटीएम ले लिए। इसी बीच नम्रता को बैंक से सूचना मिली कि खाता में प्रतिदिन अधिक राशि का ट्रांजेक्शन हो रहा है। इस पर पुलिस नम्रता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। संदेह होने पर पुलिस ने अंजली से पूछताछ की। अंजली ने बताया कि वह नम्रता के चार बैंक खातों की डिटेल बिहार निवासी अपने फ्रेंड अजय राज (परिवर्तित नाम) को दिए हैं। खातों में आई रकम की जानकारी राज ही दे सकता है। फिलहाल, राज की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।हर खाते के 5 से 10 हजार रुपए अंजली को मिले
एएसपी ने बताया कि राज सायबर फ्रॉड में लिप्त है। वह अंजली को बैंक खाता उपलब्ध कराने पर 5 से 10 हजार रुपए देता था। खाता की पूरी जानकारी लेने के बाद वह इन्हीं खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करता है। राज के पकड़े जाने के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि वह अब तक कितने लोगों से ठगी कर चुका है।
जॉब के दौरान हुई दोनों की पहचान
एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि अंजली MBA की छात्रा है। पढ़ाई के साथ वह भोपाल में एक निजी कंपनी मे पार्ट टाइम जॉब भी करती थी। कंपनी में अजय राज (परिवर्तित नाम) नाम का युवक भी काम करता था। काम के दौरान दोनों की पहचान हो गई। राज ने उससे खुद को बिहार का रहने वाला बताया था। छात्रा को उसने बताया था कि वह ट्रेडिंग का काम करता है इसलिए उसे पैसों के लेनदेन के लिए बैंक खातों की जरूरत पड़ती है। वह अंजली को पैसों का लालच देकर दूसरों के खाते मंगाने लगा।वारदात का तरीकापुलिस का कहना है कि राज सायबर फ्रॉड करता है, इसके रुपए ट्रांसफर करने के लिए खातों का प्रबंध अंजली करती थी। अंजली अपने दोस्तों, पहचान के लोगों से बहाना कर उनके बैंक खाते, एटीएम ले लेती है। इसके बाद खातों की डिटेल राज को उपलब्ध करा देती है। अंजली अभी तक 10-12 लोगों से खाते खरीद चुकी है।
एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि कटारा हिल्स निवासी नम्रता दुधानी गृहणी हैं। नम्रता ने पुलिस को बताया कि उसके मकान में बैतूल निवासी 22 साल की अंजली किराए पर रहती थी। इस वजह से उससे दोस्ती हो गई। सालभर पहले अंजली ने अपनी स्कॉलशिप की रकम खाते में मंगवाने का बोलकर उसके बैंक खाते, एटीएम ले लिए। इसी बीच नम्रता को बैंक से सूचना मिली कि खाता में प्रतिदिन अधिक राशि का ट्रांजेक्शन हो रहा है। इस पर पुलिस नम्रता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। संदेह होने पर पुलिस ने अंजली से पूछताछ की। अंजली ने बताया कि वह नम्रता के चार बैंक खातों की डिटेल बिहार निवासी अपने फ्रेंड अजय राज (परिवर्तित नाम) को दिए हैं। खातों में आई रकम की जानकारी राज ही दे सकता है। फिलहाल, राज की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
हर खाते के 5 से 10 हजार रुपए अंजली को मिले
एएसपी ने बताया कि राज सायबर फ्रॉड में लिप्त है। वह अंजली को बैंक खाता उपलब्ध कराने पर 5 से 10 हजार रुपए देता था। खाता की पूरी जानकारी लेने के बाद वह इन्हीं खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करता है। राज के पकड़े जाने के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि वह अब तक कितने लोगों से ठगी कर चुका है।
एएसपी ने बताया कि राज सायबर फ्रॉड में लिप्त है। वह अंजली को बैंक खाता उपलब्ध कराने पर 5 से 10 हजार रुपए देता था। खाता की पूरी जानकारी लेने के बाद वह इन्हीं खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करता है। राज के पकड़े जाने के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि वह अब तक कितने लोगों से ठगी कर चुका है।
जॉब के दौरान हुई दोनों की पहचान
एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि अंजली MBA की छात्रा है। पढ़ाई के साथ वह भोपाल में एक निजी कंपनी मे पार्ट टाइम जॉब भी करती थी। कंपनी में अजय राज (परिवर्तित नाम) नाम का युवक भी काम करता था। काम के दौरान दोनों की पहचान हो गई। राज ने उससे खुद को बिहार का रहने वाला बताया था। छात्रा को उसने बताया था कि वह ट्रेडिंग का काम करता है इसलिए उसे पैसों के लेनदेन के लिए बैंक खातों की जरूरत पड़ती है। वह अंजली को पैसों का लालच देकर दूसरों के खाते मंगाने लगा।
जॉब के दौरान हुई दोनों की पहचान
एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि अंजली MBA की छात्रा है। पढ़ाई के साथ वह भोपाल में एक निजी कंपनी मे पार्ट टाइम जॉब भी करती थी। कंपनी में अजय राज (परिवर्तित नाम) नाम का युवक भी काम करता था। काम के दौरान दोनों की पहचान हो गई। राज ने उससे खुद को बिहार का रहने वाला बताया था। छात्रा को उसने बताया था कि वह ट्रेडिंग का काम करता है इसलिए उसे पैसों के लेनदेन के लिए बैंक खातों की जरूरत पड़ती है। वह अंजली को पैसों का लालच देकर दूसरों के खाते मंगाने लगा।