गरियाबंद। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्माण से ग्राम से लेकर राज्य एवं देश का चहुंमुंखी विकास हुआ हैं। इस योजना के तहत् जिले में प्रथम चरण में 192 सड़कों का निर्माण किया गया, जिससे 445 ग्रामों को सीधे जिला मुख्यालय एवं विकासखंड मुख्यालय से जुड़ गये। जिला मुख्यालय एवं विकासखंड मुख्यालय से जुड़ने के कारण आम लोगों को विभिन्न तरह की सुविधाएं जैसे-बड़े बाजार, हॉट, अस्पताल, उच्च शिक्षा आदि की सुविधा प्राप्त हुई। सड़क सुविधा प्राप्त हो जाने से लोगों की जीवन शैली में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ हैं, लोग अपनी सुविधा अनुसार मोटर सायकल, ट्रैक्टर, कार आदि का उपयोग करने लगे, जिससे समय की बचत हुई। ट्रैक्टर आदि का उपयोग करने से कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हुई कृषि उत्पादन एवं अन्य संसाधनों की वृद्धि से देश एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक वृद्धि हुई हैं। ग्रामों में जनसंख्या का दबाव बढ़ने के कारण ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की आवश्यकता हुई, इस कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत भाग-2 योजना शासन द्वारा बनाई गई, इस योजना के अंतर्गत फिंगेश्वर से सोनासिल्ली लंबाई 15.525 किमी., जोबा से खरता लंबाई 16 किमी., राजापड़ाव से गौरगांव लंबाई 22 किमी., केकराजोर से उरमाल लंबाई 9.57 किमी. एवं झाराबहाल से धुमामुड़ा लंबाई 13.22 किमी. कुल 5 सड़कों का निर्माण किया गया। सड़कों का चौड़ीकरण हो जाने से भारी वाहनों की आवागमन की संख्या बढ़ी। लोग अच्छा यातायात संसाधन पाकर चौड़े रास्ते का उपयोग करने लगे और अब बड़ी गाड़ियों का प्रचलन बढ़ा हैं, पक्की सड़क का निर्माण हो जाने से बस, टैक्सी आदि के परिवहन में वृद्धि हुई हैं। गांव में जहां लोगों को सामान खरीदने के लिए दूर जाना पड़ता था, तो अब कई लोग वहीं दुकानें खोल ली, इस कारण माल वाहनों की वृद्धि हुई, गांवों की प्रगति को देखते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भाग-3 शासन द्वारा बनायी गयी। इस योजना के तहत् पीएमजीएसवाई भाग-1 में जिन सड़कों के 10 वर्ष पूर्ण हो गये थे उन सड़कों को ट्रैफिक दबाव के अनुसार डिजाईन करके स्वीकृत किया गया। इस कड़ी में 2019-20 में 10 सड़कें एवं 2020-21 में 09 सड़कें स्वीकृत की गयी जिसमें विकासखंड फिंगेश्वर अंतर्गत मार्ग फिंगेश्वर से छुईया लंबाई 11.95 किमी., फिंगेश्वर से खुड़सा लंबाई 6.15 किमी., रविनगर से कपसीड़ीह लंबाई 7.05 किमी., विकासखंड छुरा अंतर्गत मार्ग रसेला से कनफाड़ व्हाया कुड़ेरादादर लंबाई 9.35 किमी., खरखरा से सुरंगपानी व्हाया रसेला लंबाई 7 किमी., सारागांव से पटपरपाली व्हाया कोसमी लंबाई 15.70 किमी., मुरमुरा से जमाही लंबाई 5.50 किमी., छुरा से मड़वाडीह व्हाया जरगांव 10.40 किमी., पाटसिवनी से तमोरा व्हाया अमलोर लंबाई 7.55 किमी., विकासखंड गरियाबंद अंतर्गत मार्ग उर्तुली से गरियाबंद लंबाई 31.10 किमी., पिपरछेड़ी से बिन्द्रानवागढ़ लंबाई 21.80 किमी., विकासखंड मैनपुर अंतर्गत मार्ग घुमरापदर से खोखमा लंबाई 23.38 किमी., सीनापाली से गोहरापदर लंबाई 18.20 किमी., कांडेकेला से गोहरापदर लंबाई 6 किमी., बनवापारा से गोहरापदर लंबाई 7.75 किमी. खरीपथरा से अमलीपदर लंबाई 10.08 किमी., बजाड़ी से तेतलखंुटी लंबाई 7.62 किमी. एवं विकासखंड देवभोग अंतर्गत मार्ग मांझीपारा से बरकानी कैटपदर लंबाई 13.10 किमी.व कोदोबेड़ा से केन्दुबन लंबाई 7.40 किमी. कुल 19 सड़के लंबाई 227.08 किमी. की स्वीकृति प्राप्त हुई। जो वर्तमान में सभी सड़के प्रगतिरत हैं। सड़कों के निर्माण कार्य का निरीक्षण विभागीय अधिकारियों, राज्य गुणवत्ता समीक्षक, राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक द्वारा सतत् किया जाता हैं। इसी तरह जो सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं उनके संधारण कार्य को भी विभागीय अधिकारियों, राज्य गुणवत्ता समीक्षक एवं राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक द्वारा निरीक्षण किया जाता हैं। इन सबके कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा उच्च गुणवत्ता की सड़कें बनायी जाती हैं इन सड़कों के संधारण की समयावधि 05 वर्ष तय की गई हैं उक्त अवधि में यदि कोई मरम्मत कार्य की आवश्यकता होती हैं तो वह ठेकेदार से कराया जाता हैं।
कलेक्टर निलेश क्षीरसागर के मार्गदर्शन में वर्तमान में 19 सड़क प्रगतिरत एवं 100 सड़क में संधारण प्रगति पर हैं तथा 34 सड़कों का नवीनीकरण अनुमोदित हैं साथ ही बाढ़ व अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त 13 पुल पुलियां स्वीकृत हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित 09 सड़कों को एम.डी.आर. घोषित होने के कारण लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया गया हैं।