भारत में 50 साल के बाद सिर्फ फिल्मी सितारे ही जवान दिखाई देते हैं। असल लोगों की लाइफ स्टाइल यदि आप देखेंगे तो पाएंगे। बस इनके दिन पूरे हुए। पचास साल पूरा कर लिया मानों अपनी 80 फीसदी जिंदगी जी ली। लेकिन जैसी सोच हमारी है वैसी दूसरे देशों की नहीं। चीन जहां पर कोरोना वायरस का बड़ा प्रकोप देखा गया है. इससे सबक लेते हुए एक नई दिशा में काम कर रहा है। चाइना में 70 साल के बुजुर्ग जिम में पसीना बहा रहे हैं। घंटों वर्कआउट करके अपने सिक्स पैक एब्स दिखा रहे हैं। इन बुजुर्गों को देखने के बाद आप खुद की आंखों में यकीन नहीं कर पाएंगे क्योंकि इनके डील डौल को देखकर कोई भी इन्हें 30 से 40 साल के बीच का मान रहा है। चाइना में कोरोना वायरस के अटैक के बाद से ही लोगों ने अपनी दिनचर्या पूरी तरह से चेंज कर ली है। यहां के लोग अब जिम में जाकर खूब मेहनत कर रहे हैं और एक दूसरे को ही टक्कर दे रहे हैं।
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सिक्स पैक ऐब्स बनाने में बिजी बुड्ढे
दक्षिण-पश्चिम बीजिंग के इलाके की कुछ तस्वीरों के बारे में रिपोर्ट है कि यहां दशकों पुराने साइकिल शेड में स्थित, एरकी जिम, जिसका नाम इसी नाम की रेलवे कैरिज फैक्ट्री के नाम पर रखा गया था, यहां बुजुर्गों का तांता लगा हुआ है। हालांकि यह जिम बहुत पहले जर्जर अवस्था में थी लेकिन इन दिनों यह गुलजार है। इसकी स्थापना 1984 में एरकी स्कूल के पूर्व शारीरिक शिक्षा शिक्षक झांग वेई द्वारा की गई थी।
दक्षिण-पश्चिम बीजिंग के इलाके की कुछ तस्वीरों के बारे में रिपोर्ट है कि यहां दशकों पुराने साइकिल शेड में स्थित, एरकी जिम, जिसका नाम इसी नाम की रेलवे कैरिज फैक्ट्री के नाम पर रखा गया था, यहां बुजुर्गों का तांता लगा हुआ है। हालांकि यह जिम बहुत पहले जर्जर अवस्था में थी लेकिन इन दिनों यह गुलजार है। इसकी स्थापना 1984 में एरकी स्कूल के पूर्व शारीरिक शिक्षा शिक्षक झांग वेई द्वारा की गई थी।
इस पार्क की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इनमें जो भी आते हैं वे 60 साल के ऊपर के हैं। इन्हीं में से एक 67 वर्षीय वांग जिक्सी ने कहा कि मैं आपको दिखा सकता था कि कैसे एक पट्टी के चारों ओर स्विंग करना है। उन्होंने बताया कि खुद उन लोगों ने एक साथ मिलकर 2018 में ही एक फिटनेस टीम की स्थापना की, जो सीनियर्स को इकट्ठा करते हैं जो पार्क में लेकर आते हैं।
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जिम में मेहनत के आए नतीजे
जिम और वर्कआउट का सबसे बड़ा और सकारात्मक परिणाम यह है कि इससे इंसान फिट रहता है और उसका इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत रहता है। कोरोना वायरस अचनाक आई ऐसी बीमारी थी, उसकी कोई दवा नहीं थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी बीमारियों से लड़ने में शरीर ही खुद एक कारगर उपाय है। अगर शरीर ने प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है तो वो खुद इससे लड़ेगी और यही कारण है कि कोरोना वायरल से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है।
फिलहाल, चीन के बुजुर्गों ने तो दिखा दिया है कि अब वे रुकने वाले नहीं हैं और वे शरीर को फिट रखेंगे ताकि कोरोना जैसी बीमारियों से शरीर से ही लड़ने में सहायता मिले। ये बुजुर्ग रोज जिम जाते हैं, पार्क में दौड़ते हैं जिससे वे फिट रहें। इतना ही नहीं वे अपनी तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट करते रहते हैं ताकि अन्य लोग भी इससे प्रेरणा ले सकें।