मध्यप्रदेश में 1 सितंबर से शराब दुकानों से शराब लेने पर अब बिल भी मिलने लगेगा। इससे जहां दुकानदारों के अधिक रुपए लेने से लेकर अवैध शराब पर नकेल कस सकेगी। वहीं जहरीली शराब होने की संभावना भी काफी कम हो जाएगी। यह कैश मेमो दुकान संचालक हाथ से बनाकर देगा। इसमें दिन, दिनांक, शराब के ब्रांड का नाम, रुपए और मात्रा दर्ज होगी।
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इतना ही नहीं, इस पर आबकारी अधिकारी का नाम और नंबर भी अनिवार्य रूप से लिखा होगा। इस पर ग्राहक अपनी शिकायत भी तत्काल कर सकेगा। आबकारी अधिकारियों के अनुसार शराब में पहले ही सभी तरह के टैक्स ले लिए जाते हैं, इसलिए अलग से GST जैसा कोई टैक्स नहीं होगा। तय मूल्य पर ही शराब मिलेगी।अधिक रुपए लेने की शिकायत के कारण यह निर्णय
आबकारी अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश की शराब दुकानों से निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर शराब बेचे जाने की कई शिकायतें आ रही थी, इसलिए अब दुकान पर कैश मेमो अर्थात बिल दिए जाने अनिवार्य कर दिया है। इसमें बिल बुक या कैश मेमो बुक एक निर्धारित प्रारूप पर होगी।यह हैं निर्देशयह बुक लाइसेंसधारी द्वारा बुक प्रिंट कराई जाएगी।बिल बुक को संबंधित जिले के जिला आबकारी कार्यालय में प्रमाणित किया जाना अनिवार्य है।यह बुक सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी के निर्देशानुसार उपयोग में लाई जा सकेगी।बिल बुक का उपयोग होने पर उसके काउंटरपार्ट (कार्बन कॉपी) लाइसेंस धारी को शराब दुकान के लाइसेंस अवधि की समाप्ति अर्थात 31 मार्च 2022 तक रखनी अनिवार्य है।शराब दुकान और कैश मेमो पर अधिकृत अधिकारी का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया गया।इस पर शराब विक्रेता द्वारा विक्रय की जा रही शराब का बिल कैश मेमो ना दिए जाने की स्थिति में ग्राहक अपनी शिकायत इस नंबर पर दर्ज करा सकेगा। उसकी शिकायत के आधार पर संबंधित दुकान मालिक पर कार्रवाई की जाएगी।
इतना ही नहीं, इस पर आबकारी अधिकारी का नाम और नंबर भी अनिवार्य रूप से लिखा होगा। इस पर ग्राहक अपनी शिकायत भी तत्काल कर सकेगा। आबकारी अधिकारियों के अनुसार शराब में पहले ही सभी तरह के टैक्स ले लिए जाते हैं, इसलिए अलग से GST जैसा कोई टैक्स नहीं होगा। तय मूल्य पर ही शराब मिलेगी।
अधिक रुपए लेने की शिकायत के कारण यह निर्णय
आबकारी अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश की शराब दुकानों से निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर शराब बेचे जाने की कई शिकायतें आ रही थी, इसलिए अब दुकान पर कैश मेमो अर्थात बिल दिए जाने अनिवार्य कर दिया है। इसमें बिल बुक या कैश मेमो बुक एक निर्धारित प्रारूप पर होगी।
आबकारी अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश की शराब दुकानों से निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर शराब बेचे जाने की कई शिकायतें आ रही थी, इसलिए अब दुकान पर कैश मेमो अर्थात बिल दिए जाने अनिवार्य कर दिया है। इसमें बिल बुक या कैश मेमो बुक एक निर्धारित प्रारूप पर होगी।
यह हैं निर्देश
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यह बुक लाइसेंसधारी द्वारा बुक प्रिंट कराई जाएगी।
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बिल बुक को संबंधित जिले के जिला आबकारी कार्यालय में प्रमाणित किया जाना अनिवार्य है।
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यह बुक सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी के निर्देशानुसार उपयोग में लाई जा सकेगी।
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बिल बुक का उपयोग होने पर उसके काउंटरपार्ट (कार्बन कॉपी) लाइसेंस धारी को शराब दुकान के लाइसेंस अवधि की समाप्ति अर्थात 31 मार्च 2022 तक रखनी अनिवार्य है।
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शराब दुकान और कैश मेमो पर अधिकृत अधिकारी का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया गया।
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इस पर शराब विक्रेता द्वारा विक्रय की जा रही शराब का बिल कैश मेमो ना दिए जाने की स्थिति में ग्राहक अपनी शिकायत इस नंबर पर दर्ज करा सकेगा। उसकी शिकायत के आधार पर संबंधित दुकान मालिक पर कार्रवाई की जाएगी।