आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने सोया तेल और सूरजमुखी तेल की इंपोर्ट ड्यूटी को घटा दिया है. इसे 15 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका सीधा मतलब है कि विदेशों से खाने का तेल मंगाना सस्ता हो जाएगा. मौजूदा समय में एक साल में भारत सरकार 60,000 से 70,000 करोड़ रुपये खर्च कर 1.5 करोड़ टन खाने का तेल खरीदती है.
क्योंकि घरेलू उत्पादन करीब 70-80 लाख टन है. जबकि देश को अपनी आबादी के लिए सालाना करीब 2.5 करोड़ टन खाने के तेल की जरूरत होती है. भारत ने पिछले साल 72 लाख टन पाम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से आयात किया. 34 लाख टन सोया तेल का आयात ब्राजील और अर्जेंटीना से और 25 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात रूस और यूक्रेन से किया गया. भारत में मलेशिया और इंडोनीशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है. मांग और आपूर्ति के इस गैप की वजह से घरेलू बाजार में दाम पर असर होता है.
सरकार ने क्या किया
केंद्र सरकार ने एक राज्य पत्र जारी कर सोया डीगम और सनफ्लावर पर आयात शुल्क में 7.5 फीसदी कटौती की है इससे आगे त्योहारों के दिन होने के नाते खाद्य तेलों की खरीदारी बढ़ने के चलते ग्राहकों को थोड़ी राहत मिलेगी.
सरकार का यह कदम आवश्यक था हमने काफी समय से इसके लिए सरकार से मांग की थी आज इस मांग को पूरा करने के लिए हम सरकार का आभार जताते हैं और स्वागत भी करते हैं इससे विदेशों में उबल रहे बाजारों पर तो रोक नहीं लगेगी लेकिन घरेलू बाजारों पर असर जरूर से होगा.
आम लोगों को कब मिलेगा फायदा
ठक्कर बताते हैं कि सरकार द्वारा आयात शुल्क कम किए जाने पर विदेशी निर्यातक देश निर्यात शुल्क पर बदलाव नहीं लाते हैं तो ही घरेलू बाजार को इसका लाभ मिलेगा.
क्या होगा किसानों पर असर
शंकर ठक्कर का कहना है कि इस कदम से किसानों को आहत होने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि सरकार ने हाल ही में 11000 करोड़ रुपए की योजना लाई है और आगे भी बाजारे अच्छी रहने की ही संभावना है बन रही है.
मिशन से बदलेगी सूरत
शंकर ठक्कर का कहना है कि खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन महज 30 फीसदी है. इसलिए उत्पादन में वृद्धि के बावजूद घरेलू स्तर पर कीमतें नहीं गिरती है.
शंकर ठक्कर ने बताया कि विदेशों से आयात हो रहे खाद्य तेलों में पाम ऑयल की हिस्सेदारी 55 फीसदी है भारत सरकार ने साल 2025-26 तक पाम तेल का घरेलू उत्पादन तीन गुना बढ़ाकर 11 लाख टन करने की लक्ष्य बनाया है