एसआई श्रीराम दुबे, जिन्होंने अपना फर्ज निभाया, ईमानदारी से ड्यूटी की, लेकिन एक सिरफिरे इंजीनियर ने उन्हें चाकू घोप दिया। डॉक्टरों ने उनका सही उपचार करने की बजाय सिर्फ टांका जड़कर घर भेज दिया, आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया।
पूरा मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का है। ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर श्रीराम दुबे ऐसी घटनाओं पर कंट्रोल चाहते थे। यह बात उन्होंने घटना के एक दिन बाद कही थी। दो दिन बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इलाज के दौरान मौत हो गई।
दोबारा अस्पताल में भर्ती होने से पहले श्रीराम ने कहा था- आम आदमी इसी तरह से ड्यूटी करते रहते हैं। उन्हें क्या पता कि कोई आम आदमी इसी तरह से हमला कर सकता है। भोपाल में पुलिस पर लगातार हमले हो रहे हैं। यह गलत है। इस पर नियंत्रण होना चाहिए। यह सही नहीं है। इस पर अच्छी तरह से कंट्रोल होना चाहिए। इसके 24 घंटे बाद उनकी तबीयत बिगड़ी। उनका दो निजी अस्पतालों में इलाज भी किया गया, लेकिन जान नहीं बच सकी।
SI श्रीराम दुबे ने बताया था
7 अगस्त 2021 की दोपहर सामान्य दिनों की तरह ड्यूटी पर था। नो पार्किंग की एक बाइक एमपी नगर थाना परिसर में क्रेन से उठाकर लाए थे। कुछ देर बाद वह आया। उसने पूछा- कहां से लाए। हमने कहा कि नो पार्किंग से लाए हैं। उसके चालान की राशि पूछने पर उसे बताया, 500 रुपए नो पार्किंग और 100 रुपए क्रेन चार्ज लेगा। उसने 600 रुपए दिए और चालान कटवाकर वह चला गया। करीब आधे घंटे बाद मैं परिसर से बाहर निकल रहा था। मैं नार्मल था। इस तरह की घटना का अंदाजा नहीं था। इसी दौरान वह युवक आया। उसने पेट में बाएं तरफ चाकू मार दिया। मैंने उसे दौड़कर पकड़ा। एमपी नगर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद जेपी अस्पताल पहुंचा। उन्होंने कुछ टांके लगा दिए।
आरोपी इंजीनियर जेल में
कोलार इलाके में रहने वाला 27 साल का आरोपी इंजीनियर हर्ष मीणा की बाइक श्रीराम ज्योति टॉकीज के पास नो-पार्किंग से लेकर आए थे। चालान कटवाने के आधे घंटे बाद उसने श्रीराम पर हमला कर दिया था। घटना के बाद हर्ष पर हत्या के प्रयास की धारा लगाई थी, लेकिन मौत के बाद हत्या की धारा बढ़ा दी।