रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाजारों का हाल देखकर कतई नहीं कहा जा सकता कि यह वही शहर है, जिसने कोरोना के दो लहरों की त्रासदी को झेला है। काश.. यह कोई गौरव गाथा होती तो, इसे प्रसारित करने में गर्व का अनुभव होता। किन्तु इस शहर ने वो त्रासदी झेली है, जहां लोगों ने असामायिक अपने लोगों को खोया है।
त्यौहार हर साल आना है, पर सोचने वाली बात यह है कि आप त्यौहार किसके लिए मनाना चाहते हैं..? जिन अपनों से त्यौहार की खुशियां हैं, जिनके लिए उन्मादी होकर आप बाजार में बेधड़क, बेपरवाह होकर भीड़ का हिस्सा बन रहे हैं, उनकी खुशियां आप से है। इस बात को सबसे पहले समझने की आवश्यकता है।
बीते तीन दिनों से राजधानी रायपुर के छोटे से लेकर बड़े बाजारों में जिस तरह की भीड़ उमड़ी है, वह तीसरी लहर को न्योता देने जैसा ही है। देश की सरकार, प्रदेश की सरकार, स्वास्थ्य संस्थाएं, विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े लोग, बार—बार इस बात के लिए आगाह कर रहे हैं कि दिशा—निर्देशों का पालन करते रहना है। भीड़ से बचना अनिवार्य है। लेकिन इन बातों को नजर अंदाज कर लोग भीड़ का ही हिस्सा बनने पर तुले हुए हैं।
सोचें, समझें और विचार करें
एक व्यक्ति के संक्रमित होने से परिवार पर गाज गिरेगी, परिवार से पड़ोस, फिर मोहल्ला और देखते ही देखते पूरा शहर चपेट में आ सकता है। दूसरी लहर की त्रासदी सबने देखी है, जिसे भूलाया नहीं जा सकता, उसके बाद भी यदि गलतियां कर रहें हैं, तो यह लापरवाही की हद है, जिसका हर्जाना खुद को ही भुगतना पड़ सकता है।
संयमित रहें, सुरक्षित रहें
ग्रेंड न्यूज कोरोना काल की शुरुआत से ही यह अपील करते आया है कि केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करें और जब तक देश कोरोना से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, संयमित रहकर जीवन यापन करें। आप सुरक्षित रहेंगे, तभी समाज, प्रदेश और देश सुरक्षित रह सकता है।