राजनांदगांव जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र में धान के फसल पर एग्री ड्रोन से रसायनिक खाद का छिड़काव का तकनीकि प्रदर्शन किया जा रहा है। ऐसा दावा है कि इस पध्दति से किसान कम लागत में अधिक फसल का उत्पादन कर सकेंगे और ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।
सरकार किसानों की आय दुगनी करने हर संभव प्रयास में जुटी हुई है। साथ ही आधुनिक तकनीकी उपकरण किसानों को मुहैय्या करा रही है। वहीं कृषि वैज्ञानिक इन उपकरणों का प्रदर्शन कर किसानों को उन्नत खेती करने के गुर बता रहे है।
20 मिनट में ही 1 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव
इन्हीं नवीन तकनीकों में एक और नाम शुमार हो गया है। राजनांदगांव जिले के कृषि विज्ञान केंद्र सुरगी में एग्री ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन कर धान के फसल में खाद का छिड़काव किया गया। एग्री ड्रोन तकनीकी के माध्यम से 1 एकड़ खेत में 20 लीटर पानी का उपयोग कर 20 मिनट में ही 1 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव किया जा सकता है , जबकि हस्त चलित स्प्रे पंप से छिड़काव करने पर 1 एकड़ हेतु 400 से 500 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है।
प्रति एकड़ 400 रूपए किराया
इस एग्री ड्रोन के द्वारा सभी प्रकार के उर्वरक, कीटनाशक, फफूंद नाशक एवं रसायनों का छिड़काव किया जा सकता है। एग्री ड्रोन का कंपनी द्वारा प्रति एकड़ 400 रूपए किराया निर्धारित किया है। कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बीएस राजपूत ने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से किसान कम पानी के साथ साथ कम लागत मे अच्छी फसल की पैदावार ले सकेंगे।
एग्री ड्रोन बैट्री चलित है इसकी बैटरी बिजली से चार्ज होती है। बैटरी को चार्ज करने में भी महज 20 मिनट का समय लगता है। इस तकनीक अपना कर किसान अपनी फसल में अच्छी तरह से छिड़काव करने के साथ ही वक्त और रुपए दोनों की बचत कर सकते हैं।