केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने काबुल (Kabul) से लाए श्री गुरु ग्रंथ साहिब (Sri Guru Granth Sahib) के तीन पवित्र स्वरूपों (Swaroop) को प्राप्त किया है। इस दौरान उन्हें इन स्वरूपों को माथे पर लेकर जाते हुए देखा गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें स्वरूपों की सेवा करने का अखंड सौभाग्य प्राप्त हुआ है। गौरतलब है कि तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद से ही भारत वहां फंसे भारतीयों को बाहर निकाल रहे हैं। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में अफगान हिंदुओं और सिखों को भी बाहर निकाला गया है।
Read More : आज मेष राशि वाले कर्ज से बचें, अन्य का जानिए हाल, पढ़िये आज का राशिफल
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा जमा लिया और इस तरह लगभग पूरे देश पर उसका नियंत्रण हो गया। भारतीय वायुसेना ने अफगानिस्तान में फंसे सैकड़ों अफगान हिंदुओं और सिखों को वापस लाने के लिए काबुल से कई बचाव उड़ानों को ऑपरेट किया है। इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीयों को बाहर निकाला गया है।
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी काबुल से आए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के तीन स्वरूप दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर लेकर आए। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के तीन स्वरूप काबुल से फ्लाइट में भारत लाए गए हैं।
(वीडियो सोर्स: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी) pic.twitter.com/8PhxvIjCFQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2021
सोमवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के तीन स्वरूपों के साथ 46 अफगान हिंदू और सिखों ने भारत के लिए काबुल से उड़ान भरी थी। ये तीन स्वरूप नई दिल्ली एयरपोर्ट (New Delhi Airport) पर पहुंचे, जहां केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जाकर इन्हें प्राप्त किया।
Read More : सड़क दुर्घटना में मरवाही विधायक केके ध्रुव के बेटे समेत 3 की मौत, गाड़ी के उड़ गए परखच्चे
हरदीप सिंह पुरी ने स्वरूपों को प्राप्त करने पर ट्वीट कर कहा, ‘आज काबुल से दिल्ली आए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के तीन पवित्र स्वरूप के भारत आगमन पर उपस्थित होने और उनकी सेवा करने का अखंड सौभाग्य प्राप्त हुआ है।’ केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्हें पवित्र स्वरूपों को माथे पर रखकर ले जाते हुए देखा जा सकता है। वहीं, एक अमेरिकी सिख बॉडी के अनुसार, 200 से अधिक सिखों ने काबुल के एक गुरुद्वारे (Kabul Gurudwara) में शरण ली हुई है और वो युद्धग्रस्त मुल्क से बाहर निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं।