बिलासपुर। प्रतिबंधित करील की बिक्री व परिवहन नहीं थम रहा है। बेलगहना रेंज में वन विभाग की टीम ने एक आटो में 165 किग्रा करील के चालक समेत दो को गिरफ्तार किया है। मामले में आरोपितों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 के तहत ‘क” धारा 41 छत्तीसगढ़ व्यापार विनियमन अधिनियम 1969 की धारा 5 के तहत अपराध दर्ज किया है।
वन विभाग को रात में ही सूचना मिल गई थी भारी मात्रा में करील का परिवहन होने वाला है। इसके बाद से वन अमला सतत निगरानी रखा हुआ था। रात्रिकालीन गश्त भी की गई। बुधवार की सुबह 4:30 बजे करही कछार- केकराडीह जांच नाका के आगे सड़क में घेराबंदी कर आटो क्रमांक सीजी 10 वी 4410 को रुकवाया गया। आटो साजन शास्त्री निवासी सल्का चला रहा था। पीछे दो और लोग बैठे थे। आटो की तलाशी लेने पर पांच बोरी में 165 किलो बांस की करील मिली। इसके बाद आटो समेत सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर कार्यालय लाया गया।
यहां पूछताछ के बाद उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। आटो को राजसात करने की कार्रवाई भी की जाएगी। अभी करील का सीजन है। जंगल से बड़े पैमाने पर इसे निकालकर बाजार में बेचा जा रहा है। वन विभाग ने सूचना पर इस मामले में कार्रवाई तो कर ली। पर ऐसा कई बार होता है, जब विभाग को भनक तक नहीं लगती। जंगल के अंदर से भी आरोपितों को पकड़ पाने में विभागीय अमला नाकाम है।
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बिलासपुर। प्रतिबंधित करील की बिक्री व परिवहन नहीं थम रहा है। बेलगहना रेंज में वन विभाग की टीम ने एक आटो में 165 किग्रा करील के चालक समेत दो को गिरफ्तार किया है। मामले में आरोपितों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 के तहत ‘क” धारा 41 छत्तीसगढ़ व्यापार विनियमन अधिनियम 1969 की धारा 5 के तहत अपराध दर्ज किया है।वन विभाग को रात में ही सूचना मिल गई थी भारी मात्रा में करील का परिवहन होने वाला है। इसके बाद से वन अमला सतत निगरानी रखा हुआ था। रात्रिकालीन गश्त भी की गई। बुधवार की सुबह 4:30 बजे करही कछार- केकराडीह जांच नाका के आगे सड़क में घेराबंदी कर आटो क्रमांक सीजी 10 वी 4410 को रुकवाया गया। आटो साजन शास्त्री निवासी सल्का चला रहा था। पीछे दो और लोग बैठे थे। आटो की तलाशी लेने पर पांच बोरी में 165 किलो बांस की करील मिली। इसके बाद आटो समेत सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर कार्यालय लाया गया।
बुधवार को भी परिवहन करते हुए पकड़ा गया है। इससे पहले आरोपितों ने जंगल से इसे निकाला। हालांकि अभी पूछताछ जारी है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि करील किस जंगल की है और आरोपित इसे बेचने के लिए कहां लेकर जा रहे थे। इस कार्रवाई में बेलगहना वन परिक्षेत्र अधिकारी विजय साहू के अलावा परिक्षेत्र सहायक मोहम्मद शमीम, परिसर रक्षक संतकुमार के अलावा अन्य वनकर्मी शामिल थे।