अगर आपके पास अपने बचत बैंक खाते के लिए इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) की सुविधा नहीं है, तो 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के चेक जारी करना आपके लिए मुसीबतभरा हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बैंकों ने अब पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) को लागू कर दिया है. ज्यादातर बैंक positive pay system को 1 सितंबर से लागू कर देंगे.
बता दें रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम (CTS) के लिए अगस्त 2020 में पॉजिटिव पे सिस्टम की घोषणा की थी. इस नियम के मुताबिक, बैंक सभी खाताधारकों के लिए उनकी इच्छानुसार 50 हजार या उससे अधिक की रकम वाले चेक के लिए यह सुविधा लागू कर सकते हैं.
इन बैंकों ने लागू किए नियम
एक्सिस बैंक (Axis Bank) समेत कुछ बैंकों ने 50 हजार से अधिक के चेक के लिए PPS को अनिवार्य कर दिया है, जिसके तहत ग्राहकों को बैंक को नेट/मोबाइल बैंकिंग या शाखा में जाकर चेक डिटेल्स देनी होगी. भारतीय स्टेट बैंक (SBI), कोटक महिंद्रा बैंक ने भी पॉजिटिव पे सिस्टम को 50 हजार रुपये से ज्यादा वाले चेक के लिए लागू कर दिया है. फिलहाल इन बैंकों ने ग्राहकों के लिए इसे वैकल्पिक ही रखा है. बता दें कि इस नियम को लागू करने का मकसद ग्राहकों की सुरक्षा है. यह सिस्टम चेक के साथ होनेवाली धोखाधड़ी से बचाएगा
चेक होगा रिजेक्ट
नए नियम के तहत चेक जारी करने से पहले आपको बैंक को इस बारे में सूचित करना होगा वरना चेक को स्वीकार नहीं किया जाएगा. आपका चेक रिजेक्ट हो जाएगा. इस नियम से उन वरिष्ठ नागरिकों को दिक्कतें आ सकती हैं, जो नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग की सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
क्या है पॉजिटिव पे सिस्टम
Positive Pay System for bank cheque: देश में बैंकिंग फ्रॉड की घटनाओं पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक की तरफ से समय-समय पर सुरक्षा के नए-नए उपाय किए जाते हैं. बैंक चेक के जरिए फ्रॉड की घटनाओं को रोकने के लिए एक नया सिस्टम लाया गया. यह पॉजिटिव पे सिस्टम फार चेक है. इसे देश में एक जनवरी से लागू किया गया. कई बैंकों ने इस सिस्टम को प्रभावी बना लिया है