सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक द्वारा बनाए गए दो 40-मंजिला टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन कर निर्माण करने पर गिराने के निर्देश दिए और नोएडा ऑथरिटी की निगरानी में 3 माह के भीतर तोड़ने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुपरटेक के, 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा ऑथरिटी के साथ सांठगांठ कर किया गया है।
12% ब्याज के साथ रकम वापसी के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को आदेश दिया कि नोएडा के इन टावरों के सभी फ्लैट मालिकों को 12% ब्याज के साथ पैसे वापस करें। अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में करीब 1,000 फ्लैटों वाले दोनों टावरों का निर्माण नियमों के उल्लंघन में किया गया था और सुपरटेक अपनी लागत पर तीन महीने के भीतर तोड़ें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश बरकरार
कहा गया है कि निर्माण नोएडा ऑथरिटी और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें एमराल्ड कोर्ट में दो 40 मंजिला टावरों को गिराने का निर्देश दिया गया था।
Supreme Court orders demolition of two 40-floor towers built by real estate company Supertech in one of its housing projects in Noida; says construction was a result of the collusion between the officials of the Noida authority and Supertech pic.twitter.com/5Vx3rSmHCd
— ANI (@ANI) August 31, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल, 2014 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ रियल्टी प्रमुख सुपरटेक लिमिटेड की याचिका पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना में इमारत के मानदंडों के उल्लंघन के लिए जुड़वां 40 मंजिला टावरों को ध्वस्त करने और स्वीकृत योजना प्रदान नहीं करने पर निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण, योजनाकारों और बिल्डर सुपरटेक के बीच मिलीभगत को गंभीरता से लिया।