एक सितंबर 2021 यानी कल से भारत में रुपये- पैसे से जुड़े सात बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। एक ओर जहां इन नए नियमों से आपको राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा, तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इन नियमों में बदलाव से आपकी जेब प्रभावित होगी। इसका प्रभाव आपके घर के बजट पर भी पड़ेगा। इसलिए इनके बारे में जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है । इन बदलावों में रसोई गैस सिलिंडर के दाम, पीएनबी बचत खातों में मिलने वाला ब्याज, पीएफ का नियम, मारुति की कारें, एक्सिस बैंक का चेक पेमेंट से जुड़ा नियम, जीएसटी और ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार के नियम शामिल हैं।
गैस सिलिंडर के दाम
तेल कंपनियां हर महीने एलपीजी सिलिंडर के दामों की समीक्षा करती हैं। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। इसकी कीमत औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक निर्धारित करते हैं। सितंबर से घरेलू रसो गैस सिलिंडर का दाम बदल जाएगा। अगस्त में कंपनियों ने 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी रसोई गैस सिलिंडर की कीमत में 25 रुपये का इजाफा किया था। वहीं 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस की कीमत में 68 रुपये का इजाफा हुआ था।
इतनी है कीमत
दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर 859.50 रुपये का है। कोलकाता में इसका दाम 886 रुपये, मुंबई में 859.50 रुपये और चेन्नई में यह 875.50 रुपये का है। अगस्त में दिल्ली में अब कॉमर्शियल सिलिंडर का दाम बढ़कर 1618 रुपये हो गया। पिछले एक साल में अब तक एलपीजी गैस की कीमत 265.50 रुपये बढ़ चुकी है। वहीं जनवरी से अब तक इसका दाम 163.50 रुपये बढ़ा है।
बदलेगा PF का अहम नियम
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने खाताधारकों के लिए नियमों में कुछ बदलाव किया है। आप इस बदलाव को ध्यान से समझ लें क्योंकि आप पर इसका सीधा असर पड़ेगा। ईपीएफओ के नए नियम के अनुसार एक सितंबर 2021 से प्रत्येक खाताधारक का पीएफ खाता आधार कार्ड से लिंक अनिवार्य है। यदि आपका खाता आधार से लिंक नहीं है, तो पीएफ खाते में आने वाला नियोक्ता योगदान रोका जा सकता है। ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक चालान और रिटर्न (ECR) नहीं भरा जा सकेगा। ईपीएफओ ने सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 के तहत आधार लिंक का फैसला लिया था।
पीएनबी बचत खातों में कम मिलेगा ब्याज
एक सितंबर 2021 से पंजाब नेशनल बैंक (PNB) बचत खाते में जमा पर ब्याज दर में कटौती करने जा रहा है। बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, नई ब्याज दर पीएनबी के मौजूदा और नए दोनों बचत खातों पर लागू होगी। नई ब्याज दर सालाना 2.90 फीसदी होगी। फिलहाल बचत खाते पर ग्राहकों को सालाना तीन फीसदी ब्याज मिलता है।
एक्सिस बैंक बदल रहा है चेक पेमेंट से जुड़ा नियम
बढ़ते फ्रॉड को ध्यान में रखते हुए एक्सिस बैंक ग्राहकों के लिए चेक पेमेंट से जुड़े नियम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। एक्सिस बैंक अगले महीने से पॉजिटिव पे सिस्टम की शुरुआत कर रहा है। पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत चेक जारी करने वाले व्यक्ति को अपने बैंक को अपने चेक की जानकारी भी भेजनी होगी। इस सिस्टम से निश्चित रकम से ज्यादा के भुगतान वाले चेक को रिकंफर्म करना होगा। चेक जारी करने वाले व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चेक की तारीख, लाभार्थी का नाम, प्राप्तकर्ता और पेमेंट की रकम के बारे में दोबारा जानकारी देनी होगी। वैसे तो पॉजिटिव पे सिस्टम 50,000 या इससे बड़ी रकम के बैंक चेक के जरिए पेमेंट पर लागू है। लेकिन एक्सिस बैंक ग्राहकों को पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत चेक की जानकारी को तभी रिकंफर्म करना होगा, जब वह पांच लाख रुपये या इससे ज्यादा का बैंक चेक जारी करेगा।
डिज्नी+हॉटस्टार का प्लान होगा महंगा
सितंबर से ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार का सब्सक्रिप्शन महंगा होने जा रहा है। ग्राहकों को बेस प्लान के लिए 399 रुपये नहीं, बल्कि 499 रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा 899 रुपये में ग्राहकों को दो फोन में एप चलाने की अनुमति मिलेगी। साथ ही 1,499 रुपये में चार स्क्रीन पर एप चला पाएंगे। यदि एप किसी अतिरिक्त डिवाइस का पता लगाता है, तो यह पहले से लॉग-इन डिवाइस में से किसी एक को हटा देगा।
महंगी होंगी मारुति की कारें
इनपुट कॉस्ट लगातार बढ़ने की वजह से मारुति सितंबर से सभी मॉडल की कीमतें बढ़ाने जा रही है। कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि पिछले एक साल में विभिन्न इनपुट लागतों में वृद्धि के कारण मारुति के वाहनों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। मालूम हो कि एक साल में यह चौथा मौका है जब मारुति की कारें महंगी होंगी।
जीएसटी नियमों में होगा बदलाव
एक सितंबर 2021 से जीएसटी नियमों के तहत नियम-59 (6) लागू हो जाएगा। यह नियम जीएसटीआर-1 दाखिल करने में प्रतिबंध का प्रावधान करता है। इसके तहत जिन कारोबारियों ने पिछले दो महीनों में जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया, वे बाहर भेजी जाने वाली आपूर्ति का ब्यौरा जीएसटीआर-1 में नहीं भर पाएंगे। मालूम हो कि व्यवसायिक इकाइयां जीएसटीआर-3बी के जरिए कर भुगतान करती हैं। इकाइयां किसी महीने का जीएसटीआर-1 उसके अगले महीने के 11वें दिन तक दाखिल करती हैं। वहीं जीएसटीआर-3बी को अगले महीने के 20वें से 24वें दिन के बीच क्रमबद्ध तरीके से दाखिल किया जाता है।