भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की तीन महिला न्यायाधीशों सहित नौ नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई. प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका को पद की शपथ दिलाकर शपथ ग्रहण की शुरुआत की. नौ नए न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण के साथ, सर्वोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की संख्या 33 हो गई जबकि स्वीकृत संख्या 34 है.
शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पद की शपथ लेने वाले नौ नए न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना शामिल हैं. उनके अलावा, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा को भी प्रधान न्यायाधीश द्वारा पद की शपथ दिलाई गई.
पूर्व प्रधान न्यायाधीश ई एस वेंकटरमैया की बेटी न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. न्यायमूर्ति नागरत्ना के पिता, न्यायमूर्ति ई.एस. वेंकटरमैया, 1989 में कुछ महीनों के लिए सीजेआई रहे थे. वर्तमान में, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी शीर्ष अदालत में एकमात्र सेवारत महिला न्यायाधीश हैं. परंपरागत रूप से नए न्यायाधीशों को पद की शपथ प्रधान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है लेकिन इस बार शपथ ग्रहण समारोह कोर्ट रूम के बजाए ऑडिटोरियम में हुआ. नौ नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की संख्या 33 हो गई.