नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और कार्बी संगठनों के नेताओं की मौजूदगी में कार्बी शांति समझौते पर दस्तखत किए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे एतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा- आज ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर हुए। मोदी सरकार दशकों पुराने संकट को हल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार असम में शांति और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
The signing of the Historic Karbi Anglong Agreement. Modi government is committed to resolving the decades-old crisis, ensuring the territorial integrity of Assam. https://t.co/pIRii8NVsA
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) September 4, 2021
यह समझौता छह कार्बी आंगलोंग विद्रोही समूहों के साथ हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री की मानें तो पूर्वोत्तर में पिछले दो वर्षों में 3,700 से अधिक सशस्त्र कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्य में शांति कायम करने के लिए उन सभी समूहों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है जो हथियार छोड़ने को तैयार हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक राष्ट्र के सामने सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि भारत की सीमाओं को बिना किसी ढिलाई के सुरक्षित किया जाना चाहिए।
इससे पहले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के 51वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सभी सीमा सुरक्षा बलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार करना चाहिए। पुलिस व्यवस्था में निचले स्तर पर तैनात बीट कांस्टेबल लोकतंत्र को सफल बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है। मौजूदा वक्त में बीट पुलिसिंग को तकनीकी तौर पर मजबूत करने की जरूरत है जिस पर ब्यूरो को काम करना चाहिए। हमें साइबर और ड्रोन हमलों चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।