रायपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर मिसाल पेश करने वाले देश के कुल 44 शिक्षकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्वारा वर्चुअली कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान 2021 से छत्तीसगढ़ के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय करपावण्ड जगदलपुर जिला बस्तर के डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी, डॉ. सुभाष सरकार, डॉ. राजकुमार रंजन सिंह शामिल हुए।
समारोह का आयोजन आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में किया गया। अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के सचिव डी.डी. सिंह और आयुक्त शम्मी आबदी ने डॉ. शुक्ला की इस उपलब्धि पर उन्हें पदक, प्रशस्ति पत्र, शाल और भेट किया एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। सचिव डी.डी. सिंह ने डॉ. प्रमोद शुक्ला को शिक्षा के क्षेत्र में उनके लगन, निष्ठा के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से धन्यवाद दिया। आयुक्त आदिम जाति शम्मी आबदी ने कहा कि डॉ. शुक्ला हमें अपने नवाचार, सीखने की तकनीकों से प्रदेश का नाम आगे बढ़ाएंगे।
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इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिक्षकों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में शामिल होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। अपने विशिष्ट योगदान के लिए आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों को मैं हार्दिक बधाई और साधुवाद देता हूं। ऐसे शिक्षकों के विषय में जानकर मेरा यह विश्वास और भी मजबूत होता है की भावी पीढ़ियों का निर्माण हमारे सुयोग्य शिक्षकों के हाथों में सुरक्षित है।
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उल्लेखनीय है कि करपावण्ड बस्तर का एकलव्य विद्यालय पूरे देश का एकमात्र एकलव्य विद्यालय है। इस विद्यालय के शिक्षक डॉ. शुक्ला को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान 2021 से सम्मानित किया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ आदिम जाति विभाग के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है, जिसके द्वारा राज्य में 71 एकलव्य विद्यालयों का संचालन किया जाता है।
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डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय करपावण्ड जिला बस्तर में अंग्रेजी के शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने शिक्षण के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं। उन्होंने बच्चों के दिमाग से अंग्रेजी का भय दूर करने के लिए सप्ताह में एक दिन अंग्रेजी पाठ आधारित नाटक मंचन कराए जाने का अभिनव प्रयोग किया। इस दौरान छात्रों को अपनी अभिव्यक्ति में बोलने की आजादी दी गई, ताकि उनके दिमाग से अंगेजी का भय दूर किया जा सके। इससे संस्था के विद्यार्थियों का अंग्रेजी का परिणाम सुधरने के साथ ही प्रत्येक छात्र में अंग्रेजी विषय के प्रति रूचि भी जागृत हुई।
डॉ. शुक्ला को इसके अलावा उनकी सक्रियता के कारण इंस्पायर अवॉर्ड मानक के लिए जिला नोडल अधिकारी भी बनाया गया है। उन्होंने नोडल अधिकारी के रूप में सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ, बस्तर विश्वविद्यालय जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञों से बस्तर के दूर-दराज के छात्रों का इंटरैक्शन प्रोग्राम एवं ऑनलाइन गाइडेंस भी करवाया। परिणाम स्वरूप बस्तर जैसे सुदूर जिले से पहली बार 145 छात्रों का इंस्पायर अवॉर्ड के लिए राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा चयन किया गया और सभी को सम्मान स्वरूप 10 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई। डॉ. शुक्ला के प्रयास से ही नेशनल मेरिट कम मीन्स स्कॉलशिप परीक्षा, एससीईआरटी द्वारा आयोजित साइंस क्वीज प्रतियोगिता, एनटीएसई, केयूपीवाई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करवायी गई। उनके इस प्रयास के कारण अब तक 69 छात्रों का इन परीक्षाओं में चयन हो चुका है।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. शुक्ला के प्रयोगों पर आधारित 15 से अधिक शोधपत्र अब तक विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च जनरल में प्रकाशित हो चुके है। साथ ही अनुभव आधारित तीन पुस्तकें भी उनके लिखी गई है। इनमें से एक ई-पुस्तक ‘एकलव्य विद्यालय प्रवेश दिग्दर्शिका‘ का प्रकाशन शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने अपनी वेबसाईट में किया, जिसे अब तक 5500 से अधिक छात्र डाउनलोड कर चुके है। इसके अलावा ऑनलाईन शिक्षा में सर्वाधिक संख्या में छात्रों को जोड़ने एवं लाभ लेने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उन्हें प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयोगों एवं नवाचार के माध्यम से अन्य शिक्षकों के लिए एक मिसाल पेश की है।