केरल में एक बार फिर से निपाह वायरस का खतरा मंडरा रहा है. अब तक दो मामले सामने आए हैं और 68 लोग क्वारंटीन हैं. कोझीकोड़ में एक 12 साल के बच्चे की मौत भी हो गई है. तीन साल पहले भी निपाह दबे पांव केरल में प्रवेश कर गया था और कुछ ऐसे जख्म छोड़ गया था, जो समय के साथ भी भरे नहीं जा सके हैं. तीन साल बाद निपाह वायरस की चर्चा के साथ एक परिवार के ये जख्म फिर से हरे हो गए हैं.
इस परिवार ने निपाह वायरस का नाम तक नहीं सुना था. तीन साल पहले जब सोशल मीडिया पर यह चर्चा होने लगी कि किसी घातक संक्रामक बीमारी ने उनके ‘एक्का’ (बड़े भाई) की जान ले ली तो मोहम्मद मुथालिब ने अपने परिवार के बारे में ‘‘फर्जी खबर’’ पर आक्रोश महसूस किया क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी ‘‘निपाह’’ बीमारी के बारे में नहीं सुना था. जब तक 19 वर्षीय छात्र मुथालिब को इस संक्रामक बीमारी की गंभीरता का पता चलता तब तक यह वायरस उनके परिवार के चार सदस्यों की जान ले चुका था. इस आघात से मुथालिब और उनकी मां मरियम्मा को गहरा सदमा पहुंचा.
आज भी सहम उठता है परिवार
मुथालिब ने 2018 में अपने परिवार पर आई विपदा को याद करते हुए कहा कि यह रोग उनके परिवार के लिए मौत, डर और सामाजिक बहिष्कार का कारण बना. मुथालिब ने कहा, ‘ऐसे कई लोग थे जो हमसे बात करने से डर रहे थे. घटना के एक साल गुजर जाने के बाद भी इस बीमारी ने हमारे परिवार को काफी प्रभावित किया. मैं किसी पर दोष नहीं मढ़ रहा…जिस डर और तनाव सब गुजरे होंगे, उन्हें मैं समझ सकता हूं.’ उत्तरी कोझिकोड के गांव सूप्पीक्काडा के निवासी मुथालिब ने निपाह वायरस के संक्रमण के कारण अपने पिता, दो भाइयों और बुआ को खो दिया.
2018 में निपाह ने दी थी दस्तक
केरल 2018 में पहली बार इस वायरस के संक्रमण से प्रभावित हुआ. संक्रमण से मरने वालों में शामिल, मुथालिब के भाइयों में से एक मोहम्मद साबिथ राज्य में निपाह से जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति थे. हालांकि, शुरू में संक्रमण के कारण साबिथ की मौत के कारणों की पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन परिवार के एक अन्य युवक मोहम्मद सलीह की अचानक मौत ने डॉक्टरों के बीच संदेह पैदा कर दिया. नमूनों की जांच ने राज्य में वायरल संक्रमण की मौजूदगी की पुष्टि की. अस्पताल में भर्ती मुथालिब की बुआ मरियम ने भी बाद में निपाह के कारण दम तोड़ दिया।