जब भी आप ऑफिस का काम करते हैं तो आप चाहते हैं कि आपके कमरे में शांति हो और कोई परेशान करने वाला ना हो. इस वजह से काफी लोग वर्क फ्रॉम होम पसंद नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि वो ऐसे में शांति से काम नहीं कर पाते हैं. इसके लिए आप गेट, खिड़की भी बंद करते हैं ताकि आपको कोई भी आवाज डिस्टर्ब ना करे, मगर फिर भी आवाज आ ही जाती है. लेकिन, माइक्रोसॉफ्ट के ऑफिस में एक ऐसा कमरा है, जिसे दुनिया का सबसे शांत कमरा माना जाता है.
इस कमरे में बाहर की कोई भी आवाज नहीं आती है. उस कमरे को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि वहां बिल्कुल भी आवाज नहीं आती है, यहां तक आपको अपना हार्ट बीट तक भी सुनाई देती है और हड्डियों के रगड़ने की आवाज भी इस कमरे में सुनी जा सकती है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर इस कमरे में क्या खास है और किस वजह से कमरे में इतनी शांति रहती है, जो वाकई हैरान कर देने वाली है.
क्या इस कमरे में खास?
सीएनएन की इस रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप इसमें काफी देर तक खड़ रहते हैं तो आप अपनी दिल की धड़कन भी सुनाई देने लगती है. यहां तक जब आप इस कमरे में चलते हैं तो हड्डियों के आपस में रगड़ने की भी आवाज आती रहती है, जिससे आप अपना बैलेंस खो देते हैं. यह कमरा वॉशिंगटन में माइक्रोसॉफ्ट के हेडक्वार्टर में बना है, जिसमें बाहर की आवाज नहीं आ सकती और अंदर की आवाज को भी एक तरह से खत्म कर दिया जाता है. इसका मतलब है कि इस कमरे में कोई भी आवाज पैदा नहीं होती है, इसलिए इसे एनेकोइक रूम भी कहा जाता है.
इस कमरे में खुद की कोई आवाज नहीं होती है और दूसरी आवाज बहुत तेज सुनाई देती है. अगर इसमें ताली बजा दी जाए तो काफी तेज आवाज आती है. यहां साउंड है ही नहीं, जिस वजह से यह खास है. सीएनएन की रिपोर्ट में इस कमरे को डिजाइन करने वाले हुंडराज गोपाल के हवाले से कहा गया है कि जैसे ही कोई कमरे में प्रवेश करता है, एक तुरंत एक अजीब और अनोखी सनसनी महसूस करता है, जिसे बताया नहीं जा सकता. जैसे कई लोगों के कान बजने लगते हैं तो बहरापन महसूस करते हैं.
कमरे में जाने पर कैसा लगता है?
यहां एक हल्की सी भी आवाज बहुत स्पष्ट सुनाई देती है, कोई वातावरण की कोई भी आवाज नहीं होती है. इतना ही जब आप अपना सिर घुमाते हैं, तो आप उस गति को सुन सकते हैं और आप अपने आप को सांस लेते हुए सुन सकते हैं. इसके अलावा खून, हड्डियों की भी आवाज इससे आती है. गोपाल ने समझाया, ‘हमारे कान लगातार किसी न किसी स्तर की ध्वनि के अधीन होते हैं, इसलिए कान के पर्दों पर हमेशा कुछ हवा का दबाव होता है. लेकिन, जब इस कमरे में जाते हैं तो हवा का प्रेशर बिल्कुल खत्म हो जाता है और आसपास की दीवारों से कोई ध्वनि परावर्तन नहीं होता है.